जयपुर: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने जयपुर में ‘सार्थक मानव कुष्ठाश्रम’ द्वारा आयोजित राज्य अधिवेशन में घोषणा की कि वह कुष्ठपीड़ितों के सशक्तिकरण हेतु एक बार फिर संसद में विशेष याचिका दर्ज करेंगे। इस अधिवेशन में देश के 18 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
राम नाईक ने याद दिलाया कि वर्ष 2008 में उन्होंने विभिन्न कुष्ठपीड़ित संगठनों के साथ मिलकर राज्यसभा में एक विशेष याचिका दर्ज की थी। इस याचिका की रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगभग 16 कानूनों में सुधार की सिफारिश की थी। इनमें तलाक, रेल यात्रा, चुनाव लड़ने के अधिकार आदि से संबंधित कानून शामिल थे। इसके बावजूद अभी भी कई राज्यों में कुष्ठपीड़ितों को जीवन निर्वाह भत्ता नहीं मिल रहा है।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि जैसे राम नाईक ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री से अनुरोध कर कुष्ठपीड़ितों को ₹2,500 प्रति माह का जीवन निर्वाह भत्ता दिलवाया था, वैसे ही वे राजस्थान में भी यह भत्ता दिलवाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने अधिवेशन में उपस्थित विभिन्न संस्थाओं को एकजुट होकर आवेदन तैयार करने का आग्रह किया।
इस अधिवेशन में यह तथ्य सामने आया कि दुनिया के 60 प्रतिशत कुष्ठपीड़ित भारत में हैं। इसके अलावा, देश के विभिन्न संस्थाओं में 800 से अधिक कुष्ठपीड़ित निवास करते हैं। अधिवेशन में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में ‘सार्थक मानव कुष्ठाश्रम’ के संरक्षक डॉ. के.एल. जैन, अध्यक्ष श्री सुरेश कौल, भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक श्री डी.आर. मेहता, राज्य कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. विजयलक्ष्मी गोदारा, ‘अपल’ की अध्यक्ष श्रीमती माया रणावरे आदि शामिल थे।
अधिवेशन का समापन करते हुए सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के श्री आयसी श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।