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ब्रिज गिरा, लोग मरे, उद्धव ठाकरे चुनाव प्रचार में: धनंजय मुंडे

मुंबई: सीएसटी के पास फुट ओवर ब्रिज के गिरने के बाद विपक्षी पार्टियों ने बीएमसी में सत्तारूढ़ शिवसेना और शिवसेना पार्टी के प्रमुख उद्ध‌व ठाकरे को निशाना बनाया है। राकांपा नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे ने शुक्रवार को ट्वीट कर उद्धव ठाकरे पर हमला बोला। मुंडे ने लिखा, तेरे रंग में घुल-मील गए इस कदर! उद्धव ठाकरे युति के प्रेम में इस कदर डूब गए हैं कि जनता के प्रति उनकी संवेदनाएं भोथरी हो गईं हैं। दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की बजाय उद्धव ठाकरे चुनावी प्रचार के लिए अमरावती पहुंच गए हैं। क्या 6 लोगों की जान की कीमत का अंदाजा है/
बुलेट ट्रेन पर निशाना: पुल हादसे के बाद राकांपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को निशाना बनाया। राकांपा के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि उच्च गति वाली रेल परियोजना पर खर्च किए जा रहे धन को महानगरों और आसपास के उपनगरीय क्षेत्रों में रेल सुविधाओं का उन्नत करने में लगाना चाहिए। आव्हाड की एस बात का समर्थन राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी किया। पवार ने कहा कि सवा सौ करोड़ रुपये बुलेट ट्रेन पर खर्च करने के बजाए यह पैसा लोकर रेल सेवा में सुविधाएं बढ़ाने पर खर्च किया जाना चाहिए। जबकि, जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना को रद्द करना राकांपा के घोषणापत्र का हिस्सा होगा और पार्टी के सत्ता में आने के एक महीने के भीतर ही इसे बंद कर दिया जाएगा। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने शुक्रवार को घटनास्थल का दौरा करने और अस्पताल जाकर घायलों से मिलने, बात करने के बाद बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुंबई मनपा आयुक्त अजोय मेहता को उस दुर्घटना की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और पद से इस्तीफा देना चाहिए। निरुपम ने कहा कि पिछले साल सरकार ने 300 पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया था, लेकिन पुलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए सरकार के पास कोई योजना ही नहीं है। पिछले दो साल में छठवां पुल गिरा है। मुंबई में कभी कोई मैनहोल में गिर कर जान गंवानी पड़ती है।
कहीं इमारत गिरती है। कहीं आग लगती है। दुर्घटनाओं का सिलसिला लगातार जारी है। इन दुर्घटनाओं में बेकसूर लोगों को और सामान्य मुंबईकरों जान जा रही है। मुंबई महानगरपालिका का 35 हजार करोड़ रुपये का वार्षिक बजट है। कर्मचारियों की फौज है, फिर भी मुंबई शहर की यह दुर्दशा क्यों/ मुंबई के महापौर क्या कर रहे हैं, क्या उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा जब शिवसेना-भाजपा बीएमसी में सत्ता में रहते हुए मुंबई के पुलों की देखभाल ठीक ढंग से नहीं कर सकते, तो कोस्टल रोड के नाम पर मुंबई की जनता को मूर्ख बनाना बंद करें।

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