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भांडुप ईस्ट में तकरीबन 17 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ चुनावी अस्पताल

मुंबई : भांडुप ईस्ट में तकरीबन 17 साल पहले तैयार हुआ मैटरनिटी होम अब पूरी तरह खंडहर बन चुका है। ताज्जुब यह है कि इतने सालों पहले बने इस मैटरनिटी होम को आज तक शुरू नहीं किया जा सका। हालांकि इन 17 सालों में बीएमसी से लेकर लोकसभा तक के हर चुनाव के दौरान उम्मीदवारों ने इसे मुद्दा बनाया, चुनाव भी जीते, लेकिन यह अबतक केवल मुद्दा बना हुआ है।
इस साल भी चुनावी बिगुल बजने के बाद एक बार फिर लोगों में इस अस्पताल के शुरू होने को लेकर उम्मीद जगी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल की बिल्डिंग बनने के बाद से अबतक 3 सांसद बदल चुके हैं, लेकिन यहां अन्य जन सुविधाओं की बात क्या करें, जबकि अस्पताल का उद्घाटन तक नहीं हो सका। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बिल्डिंग में 10 बेड्स के मैटरनिटी होम के अलावा बेसिक इलाज की व्यवस्था होनी थी।
स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला कि इस अस्पताल को प्राइवेट डिवेलपर ने तैयार कर बीएमसी को चलाने के लिए दिया था। लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण इसे आज तक शुरू नहीं किया जा सका है। इस इलाके में रहने वाले लाखों लोगों के लिए यह उपचार का एक बेहतर विकल्प हो सकता था, लेकिन उन्हें दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है। स्थानीय नागरिक मोहन शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कत आपात स्थिति में होती है। अगर रात में किसी की तबीयत खराब होती है, तो उसे भांडुप पश्चिम स्थित डिस्पेंसरी या मुलुंड के अग्रवाल या वीर सावरकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। पहले यहां एक फाटक हुआ करता था, जिससे हम क्रॉस करके ईस्ट से वेस्ट में चले जाते थे, लेकिन अब उसे भी बंद कर दिया गया है, नतीजतन आपात स्थिति में हमें पूरा घूम कर जाना होता है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि हॉस्पिटल शुरू न होने के कारण वहां अवांछनीय लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इसके अलावा इमारत के नीचे के खाली हिस्से पर लोग पार्किंग कर जाते हैं। एनबीटी जब अस्पताल का जायजा लेने पहुंचा, तो मौके पर इमारत के नीचे एक कार खड़ी मिली। आसपास के लोगों से बात करने पर पता चला कि बिल्डिंग खाली होने के कारण कुछ लोग अपनी गाड़ियां यहां पार्क कर देते हैं।
इस अस्पताल के मुद्दे को 2017 के बीएमसी चुनाव के दौरान भी उठाया था। उस समय वरिष्ठ बीएमसी अधिकारियों ने इसे जल्द से जल्द शुरू करने की बात कही थी। लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं किया गया। लोगों ने बताया कि तकरीबन एक साल पहले बिल्डिंग में चूना लगाकर चमकाने का काम किया गया था, जिसकी चमक अब फिर धूमिल पड़ गई है। इलाके से सांसद रहे संजय दीना पाटील ने कहा कि इसे शुरू करने के लिए हमने कई बार बीएमसी से बात की, लेकिन इसे शुरू करना उसकी नीयत में ही नहीं है।
संतोष कुमार धोंडे, एस वॉर्ड ऑफिसर का कहना है कि यह मामला बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आता है। इसका वॉर्ड ऑफिस से कोई लेना -देना नहीं है।
संजय दीना पाटील, उम्मीदवार, एनसीपी ने कहा, लोगों के हित को देखते हुए इसे तत्काल शुरू करने की जरूरत है, ताकि स्थानीय लोगों को इलाज के लिए भटकना न पड़े।
मनोज कोटक बीजेपी से उम्मीदवार हैं, उन्होंने कहा कि बात केवल इस छोटे अस्पताल को शुरू करने की नहीं, बल्कि भांडुप और विक्रोली के बीच एक मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल शुरू करने की है। इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाएगा।

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