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उत्तर मुंबई सीट पर बदल रहा है माहौल, बीजेपी को कड़ी चुनौती दे रही हैं उर्मिला मातोंडकर

मुंबई : लोकसभा चुनाव शुरू होने से कुछ महीने पहले मुंबई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने ऐलान किया था कि इस बार वह उत्तर मुंबई से मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसके पीछे वजह पता लगाना इतना मुश्किल नहीं था। दरअसल 2014 में उत्तर मुंबई सीट से बीजेपी के गोपाल शेट्टी संजय निरूपम से 4.46 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीते थे। परिणाम के लिए कांग्रेस नेताओं पर दोष नहीं मढ़ा जा सकता, दरअसल उत्तर मुंबई सीट पर गुजराती बड़ी संख्या में हैं जो बीजेपी को बढ़-चढ़कर वोट देते हैं। ऐसे में इस बार के चुनाव में इस सीट पर गोपाल शेट्टी को कड़ी चुनौती देने के लिए उम्मीदवार चुनने में कांग्रेस को मुश्किल हो रही थी क्योंकि कोई भी इसमें रुचि नहीं ले रहा था। ऐसे में उन्होंने बॉलिवुड ऐक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर को कांग्रेस से जोड़कर टिकट दे दिया।
सिर्फ दो हफ्ते में उर्मिला मातोंडकर ने इस सीट पर लोगों का नजरिया बदला है, अब लोग उन्हें नोटिस करने लगे हैं। मुंबई के कांग्रेस पदाधिकारी संतोष गुप्ता ने बताया, ‘उनका प्रचार सर्वश्रेष्ठ है, न सिर्फ कांग्रेस में बल्कि मुंबई में सभी उम्मीदवारों के बीच। जिस तरह वह लोगों से जुड़ती हैं वह अद्भुत है।’
उत्तर मुंबई के निवासी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि दूसरे ऐक्टर की तरह उर्मिला अपनी गाड़ी से ही प्रचार नहीं करती, वह लोगों से मिलती भी हैं और उनके मुद्दों पर बात करती हैं। कांदिवली में एक टैक्सी ड्राइवर शिवप्रसाद यादव कहते हैं, ‘वह हर गली में जाती हैं, घर-घर जाकर प्रचार करती हैं, लोगों से मिलती हैं, स्लम एरिया में जान से भी पीछे नहीं हटतीं और वहां के लोगों से शौचालय निर्माण जैसे कई मुद्दों पर बात करती हैं।’
वह आगे बताते हैं, ‘यहां तक कि उन्होंने झुग्गी-बस्ती में रहने वालों से कहा कि अगर उन्हें लगता है कि गोपाल शेट्टी ने उनके लिए काम किया है तो वह उन्हें वोट कर सकते हैं, नहीं तो उनके (उर्मिला) लिए वोट करें क्योंकि वह उनकी सारी मांगें पूरी करेंगी।’ कांग्रेस के सूत्र उनके सोशल स्किल्स की तारीफ करते हैं।
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘वह कोई नखरे नहीं दिखाती हैं और न ही सिलेब्रिटी का तमगा लेकर चलती हैं। जब वह बड़ों से मिलती हैं तो उनके पैर छूती हैं। अगर कोई कांग्रेस कार्यकर्ता स्टेज पर न बुलाए जाने से नाराज होता है तो तुरंत यह कहते हुए माफी मांगती हैं कि वह राजनीति में नई हैं। इन सब वजहों समीकरण बदले हैं और उनके लिए पॉजिटिव माहौल तैयार किया है।’ गोपाल शेट्टी हालांकि उर्मिला को पॉलिटिकल जीरो बताते हैं और कहते हैं कि उन्हें सिर्फ चेहरे की वजह से टिकट मिला है। उन्होंने कहा कि लेकिन जनता चेहरे के आधार पर वोट नहीं देती उनकी उम्मीदें पूरी करने के लिए काम करना होता है।

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