Friday, September 20metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

पूरे चुनाव चर्चा नहीं, अब सरकार से विपक्ष तक सूखा राग ‘अलाप’

मुंबई : महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के चार चरणों में राज्य का सूखा मुख्य मुद्दा नहीं रहा। न तो सरकार ने इसे महत्व दिया और न विपक्ष इसे चुनाव में जोर-शोर से उठा पाया। चुनाव खत्म होते ही अब सरकार और विपक्ष को सूखाग्रस्त गांवों की याद आई है। गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री ने सूखे की स्थिति और सूखे से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। सभी पालक मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने जिलों में सूखे की स्थिति का जायजा लें। मंत्रिमंडल की बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राज्य में 12 हजार 116 सूखाग्रस्त गावों में 4 हजार 774 टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है। जरूरत पड़ने पर टैंकरों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। राज्य में अगर मॉनसून का आगमन देरी से होता है, तो पैदा होने वाली स्थिति से निपटने की तैयारी करने का निर्देश दिया गया।
बताया गया कि राज्य में सबसे ज्यादा टैंकर औरंगाबाद संभाग में चल रहे हैं। जायकवाडी बांध के पानी का उपयोग लोगों को पेय जल मुहैया के लिए किया जा रहा है। सूखा ग्रस्त क्षेत्र में 1 हजार 264 चारा छावनियां शुरू की गई हैं। इन चारा छावनियों में साढ़े आठ लाख जानवर हैं।
मंत्रिमंडल की बैठक में यह भी बताया गया कि सूखे से निपटने के लिए पैसा जिलाधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है और इस पैसे का तेजी से वितरण का निर्देश दिया गया है। सूखे से प्रभावित 82 लाख किसानों में से 68 लाख किसानों के बैंक खातों में अब तक 4 हजार 413 करोड़ रुपये रकम जमा कराई जा चुकी है। किसानों को फसल बीमा योजना के मार्फत 3 हजार 200 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है, इसमें से 1 हजार 100 करोड़ रुपये का वितरण हो चुका है।

Spread the love