भाजपा और कम्युनिस्ट पार्टियों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पों के लिए चर्चा में रहने वाले केरल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए बुरी खबर है. माकपा के एक कार्यकर्ता की हत्या के मामले में एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को संघ के 5 स्वयंसेवकों को दोषी करार देते हुए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
हत्या का यह मामला 13 जून 2006 का है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरएल बीजू ने हत्या, दंगा और अन्य मामलों में दोषी पाए गए 48 वर्षीय शंकरन मास्टर, 38 वर्षीय विजेश, 48 वर्षीय प्रकाशन और 40 वर्षीय काव्येश पर 50000-50000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अदालत ने इसी मामले में आरोपी स्वयंसेवक वल्सान थिलेनकेरी समेत 11 अन्य को रिहा कर दिया. इन सभी पर माकपा कार्यकर्ता केके याकूब पर बम से हमला करने का आरोप था. लगभग 13 वर्ष लंबी चली मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद 5 आरोपियों को दोषी ठहराया और अन्य को दोषमुक्त कर दिया.
बता दें कि वाम दलों के गढ़ केरल में भाजपा वर्षों से पांव जमाने की कोशिश कर रही है. इस प्रयास में दोनों दलों के समर्थकों के बीच कई दफे खूनी संघर्ष हो चुका है. 2007 में ऐसी ही एक घटना में सीपीएम के एक अन्य कार्यकर्ता की हत्या हुई थी जिसमें पिछले हफ्ते ही आरएसएस और बीजेपी के 7 कार्यकर्ताओं को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.