ब्रिटेन में हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता एंड्रिया लेडसम ने मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है. लेडसम ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि मौजूदा सरकार की नीति के ज़रिए ब्रेक्ज़िट संभव हो सकता है. एंड्रिया लेडसम ने ऐसे वक्त में इस्तीफा दिया है जब कंज़रवेटिव सांसद प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे की ब्रेक्ज़िट योजना का ज़ोरदार विरोध कर रहे हैं. प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे के इस्तीफे की भी मांग की जा रही है. कई कैबिनेट मंत्रियों ने बीबीसी से कहा कि प्रधानमंत्री अब अपने पद पर नहीं रह सकती हैं. वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान जारी कर एंड्रिया लेडसम के इस्तीफे़ पर निराशा जताई गई है और उनके काम की तारीफ की गई. एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान ब्रेक्ज़िट पर है. लेडसम कंज़रवेटिव पार्टी के नेता पद की दौड़ में रह चुकी हैं, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी दावेदारी वापस लेते हुए टेरीज़ा मे के प्रधानमंत्री बनने के रास्ता साफ कर दिया था. हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता के तौर पर लेडसम सरकार के कामकाज को देख रही थीं.
एंड्रिया लेडसम टेरीज़ा मे की सरकार से इस्तीफा देने वाली 36 वीं मंत्री हैं. इनमें से 21 मंत्रियों ने ब्रेक्ज़िट के मुद्दे पर इस्तीफ़ा दिया है. लेडसम के इस्तीफ़े के एक दिन पहले ही टेरीज़ा मे ने अपने ब्रेक्ज़िट समझौता बिल पर समर्थन जुटाने के लिए सांसदों के सामने एक नया प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद से उन्हें विपक्ष और खुद की पार्टी की भारी नाराज़गी का समाना करना पड़ रहा है. ब्रेक्ज़िट के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच समझौते को लागू करवाने के लिए ये विधेयक ज़रूरी है. बिल पर समर्थन जुटाने के लिए मे ने प्रस्ताव रखा था कि अगर सासंद यूरोपीय संघ से अलग होने के विधेयक को मंज़ूरी दे दें तो उन्हें इस बात पर मतदान करने का मौका मिलेगा कि क्या ब्रेक्ज़िट को लेकर दूसरी बार जनमत संग्रह होना चाहिए. प्रधानमंत्री टेरीज़ा मे को लिखे एक पत्र में एंड्रिया लेडसम ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ब्रिटेन इस प्रस्तावित डील के माध्यम से वास्तव में संप्रभु यूनाइटेड किंगडम बन पाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि दूसरा जनमत संग्रह कराना “ख़तरनाक रूप से विभाजनकारी” होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्रेक्ज़िट से संबंधित विधेयक के प्रस्तावों को ठीक ढंग से जांचा नहीं गया.