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आईएएस निधि चौधरी के विवादित मामले ने पकड़ा तूल

मुंबई : बीएमसी में तैनात आईएएस अधिकारी निधि चौधरी के विवादित बयान ने तूल पकड़ लिया है। शनिवार को राकांपा के विरोध के बाद रविवार को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी विरोध उनके बयान की निंदा की। उन्होंने निधि चौधरी को तत्काल निलंबित करने की मांग की। दूसरी ओर, निधि चौधरी ने अपने बचाव में कहा कि लोगों ने उनके ट्वीट का ‘गलत अर्थ निकाला।’ उन्होंने लिखा कि वे कभी महात्मा गांधी का अपमान कर ही नहीं सकतीं। गांधी जी राष्ट्रपिता हैं और 2019 में हम सभी को देश को बेहतर बनाने के लिए कुछ करना चाहिए।
चौधरी ने ट्वीट कहा क्या था?
निधि चौधरी ने 17 मई को अपने विवादित ट्वीट में महात्मा गांधी की हत्या की तारीख का जिक्र करते हुए हत्यारे नाथूराम गोडसे को धन्यवाद कहा था। अपने ट्वीट में निधि ने लिखा, ‘150वीं जयंती को मनाने के पीछे क्या उम्मीद हो सकती है। यह सही वक्त है कि देश की करंसी से उनकी तस्वीर हटाई जाए और उनके स्टेटस को भी दुनिया से हटाया जाना चाहिए। अब हमें एक सच्ची श्रद्धांजलि देने की जरूरत है… धन्यवाद गोडसे 30.01.1948 के लिए।’ निधि के इस ट्वीट पर विवाद शुरू हो गया था। बाद में निधि ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया था।
राकांपा के जितेंद्र आव्हाण ने किया विरोध
निधि के ट्वीट पर सबसे पहले एनसीपी नेता व विधायक जितेंद्र आव्हाड ने विरोध किया। उन्होंने चौधरी की आलोचना करते हुए कहा, महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट करने वाली निधि को तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने नाथूराम गोडसे का महिमामंडन किया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
तत्काल निलंबित करें: पूर्व मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी निधि चौधरी को तत्काल पद से निलंबित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के योगदान को कोई भी नकार नहीं सकता। यह देश गांधी के विचारों को लेकर आगे बढ़ा है और भविष्य में भी देश को गांधी के विचार ही आगे लेकर जाएंगे, लेकिन कुछ विकृत विचारों के लोग बापू की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। महात्मा गांधी और उनके विचारों को संकुचित नजरिए से देखने वाला देश में एक वर्ग है और इन्हीं विचारों से निधि चौधरी भी प्रभावित दिखाई देती हैं। पिछले 70 साल से गांधी विचारों को मिटाने का प्रयास किया गया, गांधीजी को बदनाम करने की कोशिश की गई। वे सफल नहीं हुए, लेकिन अब सरकार को अपनी भूमिका स्पष्ट करने की जरूरत है।
बचाव में उतरी निधि
सर्वत्र आलोचनाओं के बाद निधि चौधरी बचाव में उतर आईं। उन्होंने दावा किया कि महात्मा गांधी की आत्मकथा उनकी सबसे पसंदीदा पुस्तक है और उनके ट्वीट को ‘गलत समझा’ गया है। उन्होंने शनिवार को फिर से ट्वीट किया, जिन्होंने मेरे 17-05-2019 के ट्वीट को गलत समझा है, उन्हें मेरी टाइम लाइन देखनी चाहिए। पिछले कुछ महीने के ट्वीट भी अपने आप में पर्याप्त हैं। मैं व्यंग्य के साथ लिखे इस ट्वीट को गलत तरीके से समझे जाने से बहुत दुखी हूं।’ चौधरी ने लिखा है, मैं कभी गांधी जी का अपमान नहीं करूंगी। गांधी जी हमारे राष्ट्रपिता हैं और 2019 में हम सभी को देश को बेहतर बनाने के लिए कुछ करना चाहिए। आशा करती हूं कि मेरे ट्वीट को गलत समझने वाले लोग उसमें निहित व्यंग्य को समझेंगे।

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