मुंबई : लोकसभा के उपाध्यक्ष पद दावा कर रही शिवसेना को मोदी के दरबार में ठेंगा दिखा दिया गया है। खबर है कि मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर को लोकसभा का उपाध्यक्ष पद देने की पेशकश की है। इस खबर के बाद जानकार कह रहे हैं कि मोदी दरबार में शिवसेना और उसके दावों को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शिवसेना को सिर्फ एक मंत्री पद दिया गया है। उसे जो भारी उद्योग मंत्रालय दिया गया है, उसको लेकर भी पार्टी की नाराजी को कोई तवज्जो नहीं दी गई है। जानकारों का कहना है, ‘शिवसेना को मोदी दरबार में जिस तरह ‘ट्रीट’ किया जा रहा है उसके मुताबिक राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना का मुख्यमंत्री का दावा बीजेपी मानेगी, इसकी कोई संभावना नहीं है।’ जबकि शिवसेना मुख्यमंत्री का पद ढाई-ढाई साल बांटने की बात पक्की होने का दावा कर रही है। जानकारों का कहना है ‘लोकसभा नतीजों के बाद वैसे भी भाजपा का अपना संख्या बल इतना है कि अब उसे शिवसेना की जरूरत नहीं है।’
दूसरी तरफ शिवसेना संजय राऊत ने एक बयान देकर आदित्य ठाकरे के विधानसभा चुनाव लड़ने की संकेत दिए हैं। राऊत ने कहा है, ‘आदित्य ठाकरे पांच साल मुख्यमंत्री रहेंगे, आदित्य ठाकरे ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।’ ठाकरे परिवार में से अभी तक किसी ने भी चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन आदित्य के चुनाव मैदान में उतरने की खबरें पिछले कई दिन से चल रही हैं। उनके वर्ली या माहिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है। खबर है कि इस बारे में एक दो बैठकें भी हो चुकी हैं।