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गोदरेज समूह के परिवार में बंटवारे की तैयारी

मुंबई : भारत के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक गोदरेज समूह के परिवार में बंटवारे की तैयारी शुरू हो गई है। गोदरेज परिवार को मुंबई का लैंडलॉर्ड कहा जाता है, क्योंकि उनके पास मुंबई में सबसे ज्यादा जमीन है।
भाइयों में मतभेद
माना जा रहा है कि गोदरेज परिवार कुछ फैमिली अग्रीमेंट्स में बदलाव करने पर चर्चा कर रहा है। दरअसल परिवार में भविष्य की कारोबारी रणनीति को लेकर मतभेद उभर रहे हैं। जमशेद गोदरेज और उनके चचेरे भाइयों, आदि एवं नादिर गोदरेज की अलग-अलग सोच के चलते मतभेद सामने आ रहे हैं, जिनके कारण कुछ फैमिली अग्रीमेंट्स में बदलाव के तरीके तलाशे जा रहे हैं।
बता दें कि जमशेद गोदरेज के बेटे नवरोज गोदरेज ने गोदरेज एंड बॉएस में एग्जिक्यूटिव डायरे टर का पद भी छोड़ दिया है। उनके पद छोड़ने से उनकी बहन नायरिका होल्कर के लीडरशिप रोल में जाने का रास्ता साफ हो गया है।
इस संदर्भ में समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि गुरुवार को दोनों पक्ष अपने-अपने बयान जारी करेंगे। मामले से जुड़े एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि इसपर कुछ बातचीत हुई है। यह एक जटिल स्ट्रक्चर है। गोदरेज एंड बॉएस को गोदरेज परिवार नियंत्रण करता है और इस कंपनी के पास काफी जमीन है।
जमशेद गोदरेज जमीन के बहुत ज्यादा डेवलपमेंट के पक्ष में नहीं है। लोकिन उनके चचेरे भाई आदि गोदरेज एवं नादिर गोदरेज की सोच इससे अलग है। इससे पहले गोदरेज प्रॉपर्टीज ने कहा था कि वह मुंबई में एक बड़ी डेवलपर कंपनी बनना चाहती है।
गोदरेज एंड बॉएस के पास 3,400 एकड़ से भी ज्यादा की जमीन है। 3,400 एकड़ में से तीन हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन विक्रोली में है, जबकि बाकी जमीन भांडुप और नाहुर में है।
गोदरेज एंड बॉएस के चेयरमैन जमशेद गोदरेज हैं और इस कंपनी में परिवार के सभी सदस्यों का मालिकाना हक है। वहीं आदि और नादिर गोदरेज समूह की तीन लिस्टेड कंपनियां गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्टस लिमिटेड, गोदरेज प्रॉपर्टीज और गोदरेज एग्रोवेट को कंट्रोल करते हैं।
आदि गोदरेज और जमशेद गोदरेज ने संक्षिप्त बयान में कहा कि हम लंबे समय से समूह के लिए दीर्घावधि की रणनीति योजना पर काम कर रहे थे। इसी प्रक्रिया के तहत हमने बाहरी भागीदारों से सलाह मांगी है, जिससे हम एक खुले विकल्प पर विचार कर सकें।
उन्होंने बयान में कहा कि परिवार इस तरह के सामान्य और निजी पारिवारिक मसले पर मीडिया द्वारा सनसनी फैलाए जाने से दुखी है। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच विवाद का विषय इस सौ साल पुराने 4.1 अरब डॉलर के समूह की भविष्य की रूपरेखा को लेकर ही नहीं है बल्कि मुंबई के विक्रोली उपनगर में एक हजार एकड़ के प्लॉट को लेकर भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज और नादिर गोदरेज ने इस विवाद में मदद के लिए प्रमुख बैंकर उदय कोटक और कानून क्षेत्र के दिग्गज सिरिल श्रॉफ तथा जमशेद गोदरेज ने उद्योग के वरिष्ठ निमेश कंपानी और वकील जिया मोदी की सेवाएं ली हैं।

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