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वर्ष २०११ तक के घरों को मिला अभयदान

मुंबई : मुंबई महानगर में २०११ तक के निर्माणों को मुंबई महानगरपालिका ने अभयदान दे दिया है। इस निर्णय से शहर के घर, झोपड़ों और दुकानों के परियोजना प्रभावित होने पर पुनर्वसन के लिए पात्र माना जाएगा। यह फैसला शिवसेना के उन प्रयत्नों की बड़ी जीत मानी जा रही है, जिसमें उसने २०११ तक के निर्माणों को पात्र बनाए जाने की मांग की थी। इस संबंध में कल मुंबई महानगरपालिका में हुई गुट नेताओं की बैठक में मंजूरी दी गई।

शहर की विकास परियोजनाओं में प्रभावित होनेवाले घरों को अब तक पुनर्वसन के लिए १९६२-६४ तक का कागजी प्रमाण पत्र देना अनिवार्य था, इसमें अनिवासी झोपड़ियां-घर, गालों की पात्रता के लिए १/४/१९६२ तो निवासी झोपड़ियां-घर, गालों की पात्रता के लिए १७/४/१९६४ तक के प्रमाण देना आवश्यक था जबकि पिछले कई वर्षों से रहनेवाले और व्यवसाय करनेवाले बहुसंख्य लोगों के पास ऐसे प्रमाण नहीं पाए जाते थे। ऐसी स्थिति में इन लोगों को पुनर्वसन परियोजनाओं में जगह न मिलने पर इनके घर और व्यवसाय खो देने का भय हमेशा बना रहता था। प्रमाण की पूर्तता न होने पर कई पुनर्विकास परियोजनाएं भी अधर में अटकी हुई हैं। इस पार्श्वभूमि पर शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे, शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे के निर्देश पर महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर की अध्यक्षता में तत्काल गुट नेताओं की एक बैठक बुलाकर २०११ तक के घरों को पात्र ठहराए जाने के निर्णय को मंजूरी दे दी गई। इस बैठक में उपमहापौर हेमांगी वरलीकर, सभागृह नेता विशाखा राऊत, स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव, विपक्षी नेता आदि उपस्थित थे।

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