मुंबई : मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने पिछले एक साल में तीन अलग-अलग मामलों में मुकेश अंबानी की रिलायंस से बतौर जुर्माना 1250 करोड़ रुपये नकद वसूल किए और 1312 करोड़ रुपये बैंक गारंटी ली है। उसके बाद ही प्राधिकरण ने रिलायंस को पार्ट ओसी दिया। साल 2005 से 2007 के बीच बीकेसी में भूखंड देने के लिए एमएमआरडीए ने निविदा मंगाई थी।
बीकेसी में भूखंड हासिल करने के लिए देश की कई सारी जानी मानी दिग्गज कंपनियों ने बोली लगाई। निविदा प्रक्रिया में ज्यादातर भूखंड मुकेश अंबानी की रिलायंस कंपनी की झोली में आया। जे.एच. अंबानी फाउंडेशन ने स्कूल के लिए प्लॉट नंबर एसएफ-7 और एफ-9 प्लॉट हासिल किया। इस मामले में कई तरह की खामियां पाने पर प्राधिकरण ने अंबानी फाउंडेशन पर 32.60 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना लगाया और वसूल भी किया।
उसके बाद ही 9 जनवरी, 2019 को बकाया निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी। बीकेसी में अलग-अलग प्लॉट पर कन्वेशनल एंड एक्जिविसन सेंटर व कार्मशियल सेंटर, पार्किंग के लिए रिलायंस से भूखंड हासिल किया। एमएमआरडीए की शर्त के अनुसार, कुछ प्लॉट पर चार साल के अंदर निर्माण कार्य पूरा करना था। ऐसा नहीं करने पर जुर्माना भरने की शर्त थी।
रिलायंस ने निर्माण कार्य तय समय पूरा नहीं किया। इस पर एमएमआरडीए ने रिलायंस पर जुर्माना लगाया। मामला विवाद में आया गया। आगे चलकर यह मामला कोर्ट में चला गया। ऐसे में एमएमआरडीए ने ओसी देने से साफ मना कर दिया। मामला कोर्ट में गया और कुछ मामले में एमएमआरडीए और रिलायंस से बीच समस्या को मिल-बैठकर हल किया गया।
पिछले एक साल के अंदर एमएमआरडीए ने रिलायंस से दो अलग-अलग मामले में 767 करोड़ और 541 करोड़ रुपये नकद लिया और 1312 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी ली। उसके बाद ही प्राधिकरण ने पार्ट ओसी दिया। गौरतलब है कि लोकलेखा समिति की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि एमएमआरडीए ने रिलायंस पर दरियादिली दिखाई। इससे प्राधिकरण को करोड़ों का नुकसान हुआ है। समिति ने कई तरह की अनियमितता पाई और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की सिफारिश की है।