प्रयागराज की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चल रहे एक मुकदमे को वापस लिए जाने को मंजूरी दे दी. केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ यह मुकदमा उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ छात्रों के धरने में भड़काऊ भाषण देने के लिए दर्ज किया गया था.
शासन की ओर से सचिव अरुण कुमार राय ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मुकदमा वापस लेने का निर्देश दिया था. जिलाधिकारी के कहने पर अभियोजन पक्ष की तरफ से मार्च 2019 में कोर्ट में मुकदमा वापस करने की अर्जी दी गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मुकदमा वापस लेने की मंजूरी दे दी.
दरअसल आरोप था कि केशव प्रसाद मौर्य ने लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच भड़काऊ भाषण दिया था.
विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर सैकड़ों की संख्या में छात्र मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान एक सभा की गई थी, जिसमें केशव प्रसाद मौर्य ने मंच से भड़काऊ भाषण दिया था.
कहा जाता है कि इसके बाद छात्र उत्तेजित हो गए थे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया था. छात्रों ने जमकर ईंट पत्थर चलाए. इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और कई वाहन क्षतिग्रस्त भी हो गए थे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार ने भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.