मुनाफ़े के लिए कोई कितना भी गिर सकता है. यहां तक कि सैनिकों के लिए महंगी कैंसर दवाइयों को खुले बाज़ार में भी बेच सकता है. दिल्ली पुलिस के एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) ने ऐसे ही एक गैंग का पर्दाफाश किया है. AATS- East को 20 सितंबर को इस गैंग के बारे में सूचना मिली. इसके मुताबिक एक गैंग कैंसर की ऐसी महंगी दवाओं को खुले बाज़ार में बेच रहा है जो सिर्फ ‘डिफेंस और ESI डिस्पेन्सरीज़’ के इस्तेमाल के लिए बनी हैं. इस सूचना को गंभीरता से लिया गया और जांच के लिए AATS इंस्पेक्टर दिनेश आर्य के नेतृत्व में टीम बनाई गई. टीम ने सुराग मिलने के बाद विकास मार्ग स्थित भारत पेट्रोल पम्प पर घेरा डाला. सुबह करीब 11.50 बजे एक संदिग्ध शख्स एक बैग के साथ स्कूटी पर आया.
टीम ने संदिग्ध के बैग की तलाशी ली तो उसमें महंगी दवाओं के पांच पैकेट मिले. इन पैकेटों पर लिखा था- “Sale in Defence and ESI only”. संदिग्ध की पहचान ध्रुवनाथ झा के तौर पर हुई. ध्रुवनाथ विजय घाट के पास कृषि फार्म का रहने वाला है. प्रीत विहार पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 409, 380, 411, 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है. पूछताछ के दौरान ओम नाथ झा का नाम भी सामने आया. ओम नाथ को दिल्ली में लक्ष्मीनगर स्थित उसके दफ्तर से पकड़ा गया. ध्रुवनाथ और ओमनाथ सगे भाई हैं.
अभियुक्त के दफ्तर से बड़ी मात्रा में दवा ज़ब्त की गई है. यहां से ऐसा केमिकल भी ज़ब्त किया गया जिसका इस्तेमाल ईएसआई और डिफेन्स की मुहर को दवाओं के पैकेट से मिटाने के काम आता था. पूछताछ के दौरान दोनों अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि इसी तरह की दवाओं की आपूर्ति करने का काम बड़ा गैंग कर रहा है. इसके तार ग्वालियर, मुंबई, गाज़ियाबाद और नोएडा से जुड़े हैं. वहीं से उसे ये दवाएं बड़े सस्ते दाम में मिलीं. पकड़े गए अभियुक्त ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए मरीजों को सस्ते दामों पर ये दवाएं बेचते थे. AATS के मुताबिक ज़ब्त की गई दवाओं का बाज़ार मूल्य करीब 30 लाख रुपये है. पुलिस इस मामले में आगे जांच कर रही है.