आरे कॉलोनी में ‘मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई के दौरान कथित तौर पर पुलिस कर्मियों को रोकने और उनपर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को जमानत मिलने के बाद सोमवार (7 अक्टूबर) को रिहा कर दिया गया। मुम्बई पुलिस ने आरे कॉलोनी और उसके आसपास के इलाके में लगी निषेधाज्ञा में भी ढील दी है।
अवकाशकालीन अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एचसी शिंदे ने रविवार को कुछ शर्तों के साथ प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का आदेश दिया था। इन शर्तों में, सात हज़ार रुपये का निजी मुचलका और यह अश्वासन शामिल है कि वे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आदेश का पालन करते हुए ठाणे सेंट्रल जेल में बंद 24 प्रदर्शनकारियों को सोमवार तड़के रिहा कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उनके अलावा पांच महिला प्रदर्शनकारियों को भायकला जेल से कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रिहा किया गया। उत्तर मुंबई के आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी जिसके बाद शुक्रवार रात और शनिवार को ये गिरफ्तारियां हुई थीं। अन्य एक अधिकारी ने बताया कि इस बीच, पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लगाए निषेधाज्ञा में ढील भी दी।
मुम्बई पुलिस के प्रवक्ता प्रणय अशोक ने कहा, ”हमने धारा144 पूरी तरह नहीं हटाई है, लेकिन स्थानीय लोगों को आने-जाने की अनुमति दे दी गई है। आरे में अवैध तरीके से एकत्रित होने या किसी के भी कानून का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस ने शनिवार (5 अक्टूबर) को आरे कॉलोनी में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके तहत लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगी। इसकी मियाद रविवार (6 अक्टूबर) को बढ़ा दी गई थी। इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार (7 अक्टूबर) को अधिकारियों के पड़े काटने पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की विशेष पीठ ने कहा कि वह पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे। साथ ही पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख नियत की। पीठ ने कहा, ”अब कुछ भी ना काटें।”
न्यायालय ने निर्देश दिया कि अगर कोई गिरफ्तारी के बाद अब तक रिहा नहीं किया गया है तो उसे निजी मुचलका भरने के बाद रिहा कर दिया जाए। सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने पीठ से कहा था कि आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया गया।