जासूसी के शक में पकड़े गए और फिर चोरी के आरोप में गिरफ्तार सेना के पूर्व अफसर की संदिग्ध परिस्थितियों में दिल्ली के तिहाड़ जेल में हुई मौत पर परिवार वालों ने सवाल उठाया है. दरअसल, दिल्ली कैंट इलाके से 2 नवंबर को मुकेश चोपड़ा को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था. 69 साल के मुकेश चोपड़ा से जांच एजेंसियों ने घंटों पूछताछ की थी. बाद में मुकेश चोपड़ा को आर्मी की लाइब्रेरी से किताब चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. मगर तिहाड़ जेल जाते ही उनकी रहस्यमयी हालत में मौत हो गई. अब अफसर के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि उनकी हत्या कराई गई है.
सेना की पैराशूट रेजिमेंट में कैप्टन रहे 65 साल के मुकेश चोपड़ा को 2 नवंबर को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया था. उनसे दिल्ली पुलिस, आईबी, रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अफसरों ने लंबी पूछताछ की थी. बाद में दिल्ली पुलिस ने मुकेश चोपड़ा को दिल्ली कैंट के आर्मी कैम्पस में बने मानेकशॉ सेंटर की लाइब्रेरी से भारत और चीन से जुड़े साहित्य की 5 किताबें चोरी करने के आरोप में 2 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया था.
तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि मुकेश चोपड़ा ने सीढ़ियों से कूदकर आत्महत्या कर ली, जबकि घरवाले कह रहे हैं कि उनकी हत्या की गई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुकेश चोपड़ा को आर्मी से निकाला गया था. वहीं घरवालों का कहना है कि कैप्टन मुकेश चोपड़ा 1998 से कनाडा में रह रहे थे. उनके पास अमेरिकी नागरिकता भी है.
मुकेश चोपड़ा के परिवार का दावा है कि उन्हें क्लेप्टोमेनिया की बीमारी थी. इसकी वजह से वह कहीं भी रखा सामान उठा लेते थे. कनाडा में भी वो कई बार ऐसा कर चुके थे. घरवालों का कहना है कि नौकरी के दौरान उनसे एक कैमरा गायब हो गया था. इसलिए उन्हें सेना ने 1983 में नौकरी से निकाल दिया था. लेकिन जासूसी की बात सही नहीं है.
वहीं जांच एजेंसियों का कहना है कि मुकेश चोपड़ा के पास करोड़ों रुपये की एफडी मिली है. मुकेश चोपड़ा से मोबाइल पर चैटिंग एप्प के जरिये कोई चीनी शख्स लगातार संपर्क में था. लेकिन जब मुकेश चोपड़ा को पकड़ा गया और मोबाइल चेक किया गया था तो सारे चैट डिलीट थे.
लिहाजा उनके मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. मुकेश चोपड़ा को चोरी के आरोप में जेल भेजा गया था. लेकिन जासूसी एंगल पर जांच चल रही थी और जल्द ही केस दिल्ली पुलिस के पास जाने वाला था. मुकेश चोपड़ा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाती, लेकिन इसके पहले ही उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.