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निर्भयाकांड के दोषियों को जल्द फांसी देने के लिए याचिका

 दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए दिलदहला देने वाले निर्भया गैंगरैप और हत्या मामले में चारों दोषियों को फांसी देने की तैयारी तेज हो गई है. अब पटियाला हाउस कोर्ट इन दोषियों को फांसी देने की मांग वाली याचिका पर 25 नवंबर को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए सभी दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा था.
निर्भया के माता और पिता ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर चारों दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है. निर्भया के माता-पिता ने अपनी याचिका में मांग की कि चारों दुष्कर्मियों को फांसी देने का मामला दूसरे न्यायाधीश के पास फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, ताकि गैंगरेप और हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जा सके.
निर्भया के माता-पिता ने यह याचिका वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा के जरिए दायर की है, जिसे जिला जज यशवंत सिंह ने स्वीकार कर लिया है. निर्भया के माता-पिता ने अपनी याचिका में कहा कि फांसी की याचिका पर सुनवाई कर रहे जजों का तबादला होने से मामला स्थगित हो गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह मामले में न्याय होने में देरी हो रही है.
वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा का कहना है कि न्यायाधीश के नहीं होने के चलते न्याय मिलने में देरी हो रही है, जिसके चलते अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि हमको अदालत इसलिए आना पड़ा, ताकि जेल प्रशासन को इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाए. इससे पहले 31 अक्टूबर को तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों से कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल करते हैं, तो प्रशासन को बताएं, वरना जेल प्रसाशन कोर्ट के आदेश के मुताबिक कानून के तहत आगे की कार्रवाई करेगा और सात दिन के अंदर मृत्युदंड दिया जाएगा.
आपको बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में 23 वर्षीय निर्भया के साथ चारों दोषियों समेत 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया था. निर्भया को गंभीर चोट भी पहुंचाई थी. इसके बाद इन लोगों ने निर्भया और उसके पुरुष साथी को चलती गाड़ी से नीचे फेंक दिया था. निर्भया ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था. इस गैंगरेप और हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. 6 आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसे रिमांड होम भेजा गया था. वहीं एक अन्य आरोपी ने जेल में खुदकुशी कर ली थी.

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