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उन्नाव गैंगरेप केस में कब क्या हुआ? पढ़ें- जुल्म की खौफनाक कहानी

उन्नाव : उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में देर रात निधन हो गया. पीड़िता को एयरलिफ्ट करके लखनऊ से दिल्ली लाया गया था. पीड़िता का शरीर 95 फीसदी जल चुका था. सफदरजंग अस्पताल के प्रवक्ता ने उन्नाव रेप पीड़िता के निधन की पुष्टि की है. सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. शलभ कुमार ने बताया, ‘हमारे बड़े प्रयासों के बावजूद पीड़िता को बचाया नहीं जा सका. शाम में ही उसकी हालत खराब होनी शुरू हो गई थी. रात 11.10 बजे उसे कार्डियक अरेस्‍ट आया. हमने इलाज शुरू किया और उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन रात में 11.40 बजे उसकी मौत हो गई.’ शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर खत्म हुई दरिंदगी की ये खौफनाक कहानी शुरू हुई थी करीब डेढ़ साल पहले जब उन्नाव के ही शिवम ने पीड़िता को अपनी गंदी और खौफनाक साजिशों का निशाना बनाया था. जानकारी के मुताबिक इस मामले के मुख्य आरोपी शिवम के साथ शादी को लेकर पीड़ित का विवाद चल रहा था. आरोप है कि शिवम ने शादी का झांसा देकर पीड़िता का यौन शोषण किया और बाद में अपने वादे से मुकर गया. पीड़ित ने जब दबाव बनाया तो आरोपी शिवम ने कोर्ट से शादी के दस्तावेज भी तैयार करवाए. लेकिन इसके बावजूद वो पीड़िता को धोखा देकर फिर से गायब हो गया.

12 दिसंबर 2018 : पीड़िता ने जब दोबारा आरोपी पर शादी का दबाव बनाया तो वो ब्लैकमेलिंग पर उतर आया. लेकिन पीड़िता के बार-बार कहने पर उसने एक बार फिर उसे बातचीत के लिए बुलाया. पीड़िता को इस बात का इल्म नहीं था कि वह सिर्फ एक बहाना था. यह बात 12 दिसंबर 2018 की है. पीड़िता जब शिवम की बताई गई जगह पर पहुंची तो वहां शिवम के साथ उसका साथी शुभम भी था. दोनों ने पीड़िता को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया.
गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता जब पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाने पहुंची तो आरोपियों का रसूख आरोपियों से भी बड़ा दुश्मन बन कर खड़ा था. पीड़िता चक्कर लगा-लगा कर हार गई लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. उसके बाद जब कोर्ट से वॉरंट आया तब जाकर इस मामले में केस दर्ज हुआ.
रायबरेली कोर्ट में केस दर्ज होने के बाद शिवम की गिरफ्तारी तो हो गई लेकिन उसके परिवार की तरफ से पीड़ित और उसके घरवालों को केस वापस लेने के लिए लगातार धमकियां मिलने लगीं. कई बार तो पिता से मारपीट भी हुई.
1 दिसंबर 2019 : पीड़िता के पिता को अंदाजा नहीं रहा होगा कि उसे दी जा रही धमकियां हकीकत के कितने नजदीक हैं. 1 दिसंबर को जेल से रिहा होते ही आरोपी शिवम ने अपने दोस्तों के साथ एक और खौफनाक साजिश बुन डाली.
5 दिसंबर 2019 : जेल से रिहा होने के चौथे दिन ही शिवम ने अपनी साजिश को अंजाम दे दिया. पीड़िता अपने वकील से मिलने के लिए रायबरेली जाने की तैयारी में थी. लेकिन स्टेशन जाने के रास्ते में ही आरोपियों ने उसे घेरकर आग के हवाले कर दिया. पीड़िता ने लगभग एक किमी तक उसी हालत में दौड़ लगाई. किसी के मोबाइल फोन से 112 को फोन किया और पुलिस को घटना की जानकारी भी दी. घटना के कुछ घंटों के अंदर ही 5 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए. पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ पहुंचाया गया, हालत बेहद नाजुक होने के चलते एयरलिफ्ट करके गुरुवार रात दिल्ली पहुंचा दिया गया.
6 दिसंबर 2019 : सफदरजंग अस्पताल में भर्ती होने के करीब 24 घंटे बाद शुक्रवार रात 11:40 बजे उसने दम तोड़ दिया.
7 दिसंबर 2019 : सुबह 10 बजे के बाद होना है पीड़िता के शव का पोस्टमॉर्टम. दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली से वापस ले जाया जाएगा शव.

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