मुंबई : मेट्रो स्टेशन से अपनी प्रॉपर्टी को जोड़ने के लिए बिल्डरों में होड़ मच गई है। शहर के कई नामी बिल्डरों ने मेट्रो 3 कॉरिडोर से अपनी प्रॉपर्टी को जोड़ने के लिए आवेदन किए हैं। बिल्डरों ने बीकेसी, आचार्य आत्रे, साइंस म्यूजियम, टी-2 और वर्ली स्टेशन से अपनी प्रॉपर्टी तक सबवे तैयार करने के लिए आवेदन किए हैं। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) ने मेट्रो स्टेशन से लोगों के घरों तक सबवे तैयार करने का निर्णय लिया था। सबवे के जरिए लोग बिना किसी परेशानी के अपने घर और कार्यालय से निकलकर सीधे मेट्रो स्टेशनों तक पहुंच सकेंगे। इसके लिए निजी संस्थानों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा गया था। इसके बाद 9 बिल्डरों ने एमएमआरसीएल सबवे तैयार करने लिए संपर्क किया है।
वाधवा ग्रुप ने बीकेसी स्टेशन से अपने तीन संस्थानों, डीबी रियल्टी ने साइंस म्यूजियम स्टेशन, शेरम ग्रुप ने टी-2 स्टेशन, ओबेरॉय ग्रुप और एचबीएस ने वर्ली स्टेशन और इंडियाबुल्स ने आचार्य आत्रेय स्टेशन के करीब स्थित अपनी प्रॉपर्टी के बीच सबवे बनाने में रुचि दिखाई है। हाउसिंग एक्सपर्ट संजय चतुर्वेदी के अनुसार, मंदी के दौर में बिल्डरों को महंगे घर बेचने में परेशानी हो रही है। मेट्रो स्टेशन से घर तक निजी रास्ता तैयार कर आसानी से ग्राहकों को आकर्षित किया जा सकता है। इस योजना के तहत बड़े बिल्डर इसमें रूचि दिखा रहे हैं। मेट्रो स्टेशन से जुड़ने की वजह से भविष्य में अतिरिक्त एफएसआई मिलने का लालच भी बिल्डरों को आकर्षित कर रहा है।
एमएमआरसीएल अधिकारी के अनुसार, निजी संस्थानों को कुछ शर्तों के साथ सबवे बनाने की अनुमति दी जाएगी। सबवे निर्माण और उसके मेंटेनेंस का पूरा खर्च डिवेलपर को उठाना पड़ेगा। कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज के बीच बन रहा मेट्रो 3 कॉरिडोर मुंबई के कई व्यवसायिक संस्थानों, अस्पतालों, कॉलेजों और हाउसिंग सोसाइटियों के करीब से हो कर गुजरेगा। यहां लाखों लोग रहते हैं। वहीं, काम के सिलसिले में रोजाना हजारों लोगों का यहां आना-जाना होता है। निजी संस्थानों को जोड़ने की योजना स्थानीय लोगों के लिए लाभदायक साबित होगी। 27 स्टेशनों वाली मेट्रो-3 कॉरिडोर में 26 स्टेशन भूमिगत होंगे, जबकि सिर्फ 1 स्टेशन ही जमीन पर होगा। वर्ष 2021 तक सरकार ने परियोजना का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।