मुंबई
चकाचक सड़कें, बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं- सब कुछ मुंबई में संभव है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश की सबसे अमीर महानगरपालिका में शुमार बीएमसी के पास राजस्व बढ़कर 70,000 करोड़ रुपये के पास पहुंच गया है। यह बीते साल के मुकाबले 9,000 करोड़ रुपये ज्यादा हैबीएमसी की कमाई पर यह सवाल अब भी बरकरार है कि क्या इस खजाने का सदुपयोग हो पाएगा। वैसे राजस्व बढ़ोतरी से नए निर्माणों पर लगी रोक या ऑक्ट्राय जाने से कमाई कम होने का संशय भी खत्म हो गया है। कोस्टल रोड, गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड, यातायात प्रबंधन, 24 घंटे पानी, 5 अस्पतालों के विस्तार समेत तमाम विकास कार्यों के लिए कम से कम कोष का संकट तो अब नहीं रहेगा।
एफडी से मिल रहा है ब्याज
बीएमसी अपने पास जमा धन को विभिन्न बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के तौर पर जमा करती है। अकाउंट विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘हम बैंकों से प्रस्ताव मंगाते हैं। जहां अधिक ब्याज मिलता है, वहीं एफडी कराते हैं। पिछले दिनों एक बड़े सरकारी बैंक के अधिकारी भी इस संदर्भ में हमारे पास आए थे। हम एफडी को कई हिस्से में बांटते हैं, जिससे अधिक ब्याज मिलता है।’ पिछले साल बीएमसी को ब्याज के रूप में ही 4,500 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।