नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी में एक ऐसा भी गांव है, जहां शौचालय तो है, लेकिन सरकारी लापरवाही की वजह से गांव की महिलाएं खुले में शौच को जाने के लिए मजबूर हैं। आया नगर गांव में घरों में 2 से 3 फुट तक सीवर का गंदा पानी घुस गया है। इससे वहां के निवासियों की जान तक आफत में पड़ी हुई है। इस वजह से महिलाओं को मजबूरी में शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है।गांव की रजनी के मुताबिक, उनका घर एक वॉटरबॉडी से सटा है। इस नैचरल वॉटर बॉडी में स्टॉर्म वॉटर ड्रेन से बहकर आ रहा सीवर का गंदा पानी गिर रहा है। यह पानी अब ओवरफ्लो होकर घरों में घुसने लगा है। कौशल्या और निशी भी इसी तरह के हालात से परेशान हैं। दोनों बताती हैं कि वॉटर बॉडी में भरा गंदा पानी अंदर ही अंदर रास्ता बनाकर घरों में बने सेप्टिक टैंक से जुड़ गया है। इससे सेप्टिक टैंक आवेरफ्लो हो रहे हैं। इसकी वजह से महिलाओं को मजबूरन शौच के लिए पास की झाड़ियों या जंगलों में जाना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, घरों में गंदा पानी जमा होने से मकानों की नींव भी कमजोर पड़ रही है। दीवारों पर दरारें आने लगी हैं। स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या स्थानीय निगम पार्षद वेदपाल के सामने भी रखीं। उन्होंने संबंधित अथॉरिटीज को लेटर लिखकर ग्रामीणों की मदद की गुहार लगाई। वेदपाल ने बताया कि उन्होंने डीसी साउथ, साकेत को लेटर लिखा और बताया कि करीब एक साल पहले दिल्ली सरकार के फ्लड ऐंड इरिगेशन डिपार्टमेंट ने एफ ब्लॉक नैचरल वॉटर बॉडी से लेकर ‘जी’ ब्लॉक आया नगर तक के सीवर के लिए एक पाइप वाला नाला बनाया था। उस नाले को बिना किसी आउट फॉल के खुला छोड़ दिया गया, जिसका पानी एक नैचरल वॉटर बॉडी में गिर रहा है और ओवरफ्लो होकर स्थानीय घरों में घुसने लगा है।
उन्होंने इरिगेशन ऐंड फ्लड डिपार्टमेंट को भी इस बारे में शिकायत दी है। फ्लड एंड इरिगेशन डिपार्टमेंट में एग्जिक्यूटिव इंजीनियर रविंद्र ने गांव में गंदे पानी से हालात खराब होने की बात तो मानी लेकिन ग्रामिणों को इस दावे को गलत ठहराया कि इसके लिए सरकारी विभागों की लापरवाही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, वहां वॉटर बॉडी में पहले से गंदा पानी भरा था और स्थानीय लोगों के घरों का पानी भी उसी में जा रहा है। उनके मुताबिक, विभाग ने गांव में संबंधित वॉटर बॉडी के पास एक पंप लगवा दिया है, जिससे हालात अब सामान्य होने लगे हैं।