नई दिल्ली
आधार मामले की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान मंगलवार को याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा कि महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय लोगों के अंगूठे के निशान लिए जाने का विरोध किया था। याची ने गांधी की पुण्य तिथि पर गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि जिस गांधी ने अंगूठे के निशान लिए जाने का विरोध किया था, उसी महात्मा गांधी के देश में लोगों से अंगूठे के निशान लिए जा रहे हैं। आधार के लिए डेटा लिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में सुनवाई चल रही है।मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार अगर आधार के लिए जानकारी ले रही है तो आप (याची) उसे सर्विलांस कह रहे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि सरकार चाहती है कि सही आदमी तक सुविधाओं और सब्सिडी का लाभ पहुंचे। दरअसल सरकार सब्सिडी, पेंशन आदि का लाभ सभी जगह पहुचने के लिए ऐसा कर रही है।
इस दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कोई एटीएम से पैसे निकालता है तो बैंक को पता होता है कि किसने कितना पैसा निकाला है। क्या इसको भी आप (याची) सर्विलांस कहेंगे। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की टिप्पणी थी कि आप क्या कहना चाहते हैं कि मानव से बड़ी परछाई है।
इस दौरान याची के वकील श्याम दीवान ने कहा कि महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका में थे, तब 1906 के भारतीय लोगों को अंगूठा लिए जाने का वहां अध्यादेश लाया गया था। महात्मा गांधी ने इसका विरोध किया था और लोगों को भी विरोध करने को कहा था। उन्होंने इसके लिए मीटिंग भी की थी। अब स्थिति यह है कि गांधी के देश में ही लोगों से अंगूठा लिया जा रहा है। दीवान ने केरल डेयरी फार्मर वेलफेयर बोर्ड के लोगों के पेंशन आधार के कारण न दिए जाने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि लोगों के अंगूठे के निशान मिल नहीं रहे। मामले की दिन भर संवैधानिक बेंच में सुनवाई चली और आगे भी जारी रहेगी।