मुंबई : मुंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई के ट्रैफिक विभाग को यह बताने का निर्देश दिया है कि क्रेफर्ड मार्केट क्षेत्र में यातायात को सुगम बनाने के लिए वह क्या कदम उठा रहा है? न्यायाधीश नरेश पाटील और एन.डब्ल्यू. साम्ब्रे ने कहा कि ट्रैफिक विभाग को इस क्षेत्र में सप्ताह के कुछ ही दिनों में बाजार खुले रखने, कुछ दिन बाजार या यहां की सड़कों पर कोई वाहन नहीं चलने देने और निजी वाहनों की पार्किंग पर बहुत ज्यादा शुल्क वसूलने जैसे उपाय करने चाहिए।
न्यायालय ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई के क्रम में दिया, जिसमें इस क्षेत्र के कालबादेवी, चीरा बाजार और क्रॉफर्ड मार्केट में यातायात के बढ़ते दबाव और ट्रैफिक विभाग की लाचारी पर जोर दिया गया था। याचिका में इस क्षेत्र में छोटी-छोटी गलियां होने और उन पर भी फेरी वालों या अन्य लोगों के अतिक्रमण का जिक्र किया गया है, जिससे वाहनों और पैदल चलने वालों को दिक्कत होती है। यह भी कहा गया है कि इस क्षेत्र में आपदा की स्थिति में दमकल या ऐंबुलेंस आने-जाने में परेशानी होती है।सुनवाई के दौरान ट्रैफिक विभाग ने एक हलफनामा देकर यह बताया कि उसने इस क्षेत्र में काफी काम किया है ताकि ट्रैफिक सुचारु रूप से चल सके। लेकिन न्यायालय ने कहा कि व्यस्त घंटों के दौरान दो-चार पुलिसकर्मियों की तैनाती से कुछ नहीं होने वाला है। न्यायालय ने कहा कि ‘जब वहां कोई जगह ही नहीं है, तो ट्रैफिक कर्मचारियों की तैनाती से क्या होगा। इसके बजाए आपको कुछ नए तरीके खोजने होंगे, ताकि सड़कों से यातायात कम किया जा सके और बाजारों में पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।
न्यायालय ने बीएमसी को भी निर्देश दिया कि वह भी इस याचिका का हिस्सा बने और अपने सुझाव दे।