मुंबई: कप्तान पृथ्वी शॉ और कोच राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली भारतीय टीम सोमवार को अंडर 19 विश्वकप जीतने के बाद स्वदेश लौट आई। टीम का मुंबई के एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत हुआ। बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को एक कार्यक्रम में सम्मानित किया। कार्यक्रम में कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान पृथ्वी शॉ ने प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान कोच राहुल द्रविड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें बतौर खिलाड़ी विश्वकप नहीं जीत पाने का कोई मलाल नहीं हैं। द्रविड़ से पूछा गया कि क्या आप अब भी बतौर प्लेयर विश्वकप नहीं जीत पाने के बारे में सोचते हैं तो उन्होंने कहा, ‘बतौर खिलाड़ी विश्वकप न जीत पाना अब मेरे लिए कोई दर्द की बात नहीं है। मुझे क्रिकेट से संन्यास लिए सालों गुजर गए है। ईमानदारी से कहूं तो मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा। मैंने क्रिकेट के मैदान में बहुत लंबा वक्त गुजारा। मेरे करियर में विश्वकप न जीत पाने के अलावा भी बहुत से निराशा के मौके आए लेकिन साथ ही बहुत सी सफलताएं भी मुझे मिलीं। लेकिन मुझे विश्वकप नहीं जीत पाने का कोई अफसोस नहीं है।’द्रविड़ ने टीम इंडिया को अंडर 19 विश्वकप जीत का श्रेय देते हुए कहा, ये बिलकुल अलग अनुभव था। मैं इन बच्चों के लिए बेहद खुश हूं। एक कोच के रूप में आप कुछ चीजों को ही नियंत्रित कर सकते हैं। मैंने टीम को एक टीम मीटिंग में पूरे सपोर्ट स्टाफ के साथ बताया था कि हम आपको अच्छी तरह तैयार कर सकते हैं, अच्छी तरह अभ्यास करा सकते हैं, पूरी प्लानिंग कर सकते हैं। हम आपको 14-15 महीने तक तैयारी करा सकते हैं।’
कोच की टीम के प्रदर्शन पर नियंत्रित भूमिका के बारे में द्रविड़ ने कहा, मैंने अपने करियर में भी बतौर खिलाड़ी समझा है अंतत: एक कोच के रूप में आप खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं। हम जो कोई भी प्लान बनाएं अगर गेंदबाज मैदान पर जाकर सही गेंदबाजी न करे और बैट्समैन अच्छी बल्लेबाजी न करें तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे। मैच शुरू होने के बाद एक कोच टीम का बहुत थोड़ा सहयोग कर सकता है।
हालांकि द्रविड़ ने ये भी कहा कि टीम में कोच की भूमिका बेहद अहम होती है लेकिन मैं ये भी समझता हूं कि एक कोच टीम पर कितना प्रभाव डालता है। जीत का सारा श्रेय इन खिलाड़ियों को जाता है। जिन्होंने दबाव वाले मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया और मैदान में एक खिलाड़ी के रूप में परिपक्वता दिखाई।
विश्वकप जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए द्रविड़ ने कहा, ये वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने टूर्नामेंट में कभी रिलैक्स नहीं किया। ये वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने त्याग किया। ये वो हैं जिन्होंने मैदान पर प्रदर्शन किया जिन्होंने जिम में घंटो पसीना बहाया। ये वो हैं जिन्होंने हमें ज्यादा अभ्यास कराने के लिए बाध्य किया। जीत का पूरा श्रेय इन्हें जाता है। और मैं इनके लिए खुश हूं।