जोहानिसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा के राष्ट्रपति पद छोड़ने का मुख्य कारण बने भारतीय कारोबारी अजय गुप्ता को शायद समय बदलने का आभास हो गया था। इसीलिए वह छह फरवरी को ही दक्षिण अफ्रीका से निकल लिए थे। वह दस दिन पहले दुबई जाने वाली फ्लाइट से दक्षिण अफ्रीका से रवाना हुए थे। जोहानिसबर्ग एयरपोर्ट प्रशासन ने यह जानकारी दी है। वैसे गुप्ता को पिछले हफ्ते देहरादून में देखा गया था। उत्तराखंड पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। लेकिन इस समय अजय गुप्ता लापता हैं।
दक्षिण अफ्रीका में गुरुवार को जैकब जुमा के इस्तीफे और सिरिल रामाफोसा के राष्ट्रपति बनते ही साधन संपन्न गुप्ता बंधुओं के सितारे गर्दिश में चले गए। चंद घंटों में ही पुलिस ने अजय गुप्ता को भगोड़ा घोषित कर तलाश शुरू कर दी। लेकिन उससे नौ दिन पहले ही वह देश छोड़ चुके थे। गुप्ता बंधुओं की दुबई सहित दुनिया के कई शहरों में संपत्तियां हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी अजय और उनके भाइयों पर अफ्रीकी सरकार की नीतियां बदलवाकर लाभ अर्जित करने का आरोप है। जोहानिसबर्ग एयरपोर्ट प्रशासन ने पुलिस को गुप्ता से संबंधित सारी जानकारियां दे दी हैं। गुप्ता बंधुओं से जुड़े मामले की जांच पुलिस की विशेष इकाई हॉक कर रही है। उसी ने बुधवार को गुप्ता बंधुओं के जोहानिसबर्ग स्थित आवास पर छापा मारा था और तीन लोग गिरफ्तार किए थे।
गुरुवार को हॉक ने कुल आठ लोगों को अदालत में पेश करके पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लिया है। जिन लोगों को रिमांड पर लिया गया है उनमें गुप्ता बंधुओं का भांजा वरुण गुप्ता भी शामिल है। वह गुप्ता की फर्म शिवा यूरेनियम का कार्यकारी निदेशक है। जैकब जुमा का बेटा डुडूजेन भी एक समय इस फर्म में निदेशक था।