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एक नीरव और एक लाल बहादुर शास्त्री पत्नी ने पेंशन से चुकाया था 5 हजार का लोन

नई दिल्ली
कोई यह नहीं जानता कि देश से भाग चुका डायमंड कारोबारी नीरव मोदी पंजाब नैशनल बैंक से लिए करोड़ों रुपये के लोन को कभी चुकाएगा भी या नहीं, लेकिन देश के सबसे पुराने बैंक के पास ऐसे भी ग्राहक रहे हैं जिनकी मौत के बाद भी उनके परिवार वालों ने लोन चुकाए गए। पीएनबी के ऐसे ही एक बेहद खास ग्राहक थे देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री। भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी पीएनबी से 5,000 रुपये का एक कार लोन लिया था, जिसे उनकी मृत्यु के बाद उनकी विधवा पत्नी ललिता ने अपनी पेंशन से चुकाया था। यह जानकारी उनके बेटे अनिल शास्त्री ने दी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने कहा, ‘हम टोंगा में सेंट कोलंबा स्कूल जाया करते थे। कभी-कभी हम ऑफिस की कार में जाते थे लेकिन हमारे पिताजी ने निजी काम के लिए आमतौर पर कार का इस्तेमाल नहीं करने दिया। इसलिए घर में मांग थी कि हमें एक कार खरीद लेनी चाहिए।’ 1964 का वर्ष था। प्रधानमंत्री के स्पेशल असिस्टेंट वीएस वेंकटरमन ने घर पर बताया कि नई फिएट की कीमत 12,000 रुपये है। शास्त्री परिवार के पास बैंक में सिर्फ 7,000 रुपये थे। प्रधानमंत्री ने 5,000 रुपये के लोन के लिए आवेदन दिया जिसे उसी दिन अप्रूव कर दिया गया। जल्द ही परिवार और देश के लिए दुख की घड़ी आई। 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में शास्त्री जी का देहांत हो गया। अनिल कहते हैं, ‘लोन बकाया था। मेरे पिताजी की मृत्यु के बाद मिलने वाली पेंशन से मेरी मां ने उस लोन को अदा किया।’

शास्त्री परिवार द्वारा खरीदी गई क्रीम कलर की कार 1964 मॉडल थी जिसका नंबर DLE 6 था। अब यह कार राजधानी दिल्ली में 1 मोतीलाल नेहरू मार्ग, लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल में प्रदर्शनी में रखी है। पीएनबी की स्थापना 1894 में हुई थी और ब्रिटिश राज के दौरान इसकी शुरुआत के पीछे आइडिया था देश में एक स्वदेशी बैंक का होना। इस बैंक के शुरुआती निदेशकों में लाला लाजपत राय शामिल थे, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम योगदान दिया।

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