Tuesday, December 24metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

पश्चिम बंगाल बना ड्रग माफियाओं का नया अड्डा

मुंबई
भारत में ड्रग तस्करी अभी तक पाकिस्तान सीमा से होती थी। अब वह बांग्लादेश सीमा से भी हो रही है। जांच एजेंसियों ने इसके बाद पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश सीमा से लगे इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। पिछले दिनों मुंबई में दो लोगों के पास 28 लाख रुपये कीमत की 280 ग्राम हेरोइन जब्त की गई। ऐंटि नार्कोटिक्स सेल से जुड़े एक अधिकारी ने एनबीटी से कहा कि चरस की सबसे ज्यादा खपत अफगानिस्तान में है। वहां से यह ड्रग पहले पाकिस्तान भेजा जाता है, फिर इसे अवैध रूप से कश्मीर के रास्ते भारत के अलग-अलग शहरों में भेजा जाता है। ड्रग तस्कर चरस को काला सोना के नाम से पुकारते हैं।

हेरोइन की पाकिस्तान से तस्करी
हेरोइन की भी पाकिस्तान से ही तस्करी होती है, पर पाकिस्तान इस ड्रग को राजस्थान से लगी अपनी सीमा से भारत में भेजता रहा है। कोकीन भारत में दक्षिण अफ्रीका से आता है। ड्रग तस्कर इसे कभी हवाई, तो कभी समुद्र के रास्ते लाते हैं। नेपाल सीमा से भी पाकिस्तान ने कई बार ड्रग्स भारत में भिजवाई है। पंजाब में सबसे ज्यादा ड्रग की तस्करी होती है। पश्चिम बंगाल से लगी बांग्लादेश सीमा से पाकिस्तान ने अभी तक जाली नोटों का ही ज्यादा वितरण किया था। पहली बार उसने ड्रग्स की यहां से तस्करी शुरू की है।

ऐंटि नार्कोटिक्स सेल ने 2 लोगों को पकड़ा
कुछ दिनों पहले ऐंटि नार्कोटिक्स सेल की घाटकोपर यूनिट ने मुंबई में दो लोगों के पास 28 लाख रुपये कीमत की 280 ग्राम हेरोइन जब्त की। इनमें से एक आरोपी ने बताया कि उसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक सरगना ने यह ड्रग मुंबई ले जाने को कहा था। बदले में उसे करीब 15 हजार रुपये कमिशन देने का वादा किया गया था। उसने अपने शरीर में ऐसी जगह इस ड्रग को छिपाया, जहां तलाशी के दौरान भी उसे पकड़ा न जा सके। बाद में वह मुंबई आने वाली एक ट्रेन में बैठा और उसने यह ड्रग मुंबई के एक पेडलर को दे दी। इस पेडलर को बाद में मुंबई में छोटी-छोटी पुड़िया बनाकर अलग-अलग जगह इसका वितरण करना था। यह पेडलर भी पश्चिम बंगाल का ही रहने वाला है।

पठानकोट हमले के बाद बदला रास्ता
जांच अधिकारियों का कहना है कि पठानकोट हमले के दौरान शक गया था कि पाकिस्तानी आतंकवादी ड्रग्स तस्करी के बहाने भारत में अलग-अलग रास्तों से पंजाब पहुंचे थे, इसलिए उसके बाद देश की अलग-अलग एजेंसियों ने पाकिस्तान से लगी सभी सीमाओं पर ड्रग माफियाओं के खिलाफ अभियान चला दिया। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने जांच एजेंसियों का ध्यान भटकाने के लिए बांग्लादेश को ड्रग्स का नया अड्डा बनाया और फिर वहां से पश्चिम बंगाल में ड्रग्स भिजवाना आरंभ कर दिया। पश्चिम बंगाल से ड्रग्स फिर मुंबई व देश के उन शहरों में भेजी जाने लगी, जो पेज थ्री पार्टियों के लिए जाने जाते हैं। जांच अधिकारियों का कहना है कि चूंकि नोटबंदी के बाद जाली नोटों का बनना अब काफी हद तक कम हो गया है, इसलिए बांग्लादेश में जाली नोटों के जरिए अवैध कमाई करने वालों की रोजी- रोटी पर इसका बुरा असर पड़ा है। अब वे ही लोग वहां ड्रग्स के अवैध धंधे में कूद पड़े हैं।

Spread the love