मुंबई
1993 मुंबई ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपियों में से एक मोहम्मद फारुख उर्फ फारुख टकला को गुरुवार को दुबई से भारत लाया गया। उसके जुड़वा भाई ने कोर्टरूम में दावा किया कि टकला उसकी वजह से पकड़ा गया। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि गुजरात एटीएस द्वारा दिए गए पासपोर्ट डीटेल्स के कारण सीबीआई को उसे पकड़ने में मदद मिली। गिरफ्तारी के बाद टकला को कोर्ट रूम में पेश किया गया। सीबीआई के विशेष अभियोजक दीपक साल्वे ने कहा, ‘फारुक भी साजिश रचने वालों में से एक है और उसने ही साथी आरोपियों के दुबई में रहने की व्यवस्था की। तीन अन्य आरोपियों ने भी इसे स्वीकार किया था। फारुख को 14 दिन की रिमांड पर सीबीआई के हवाले किया गया है जो इस दौरान उससे पूछताछ के अलावा उसके खिलाफ सबूत भी इकट्ठा करेगी। सफेद शर्ट और काला ट्राउजर पहने फारुख अपने जुड़वा भाई मोहम्मद अहमद मंसूर से कोर्ट रूम में मिलते हुए भावुक हो गया। वह अपने भाई के पैरों पर गिर पड़ा और दोनों जमीन पर कुछ देर बैठे रहे। कोर्ट रूम में बाकी की कार्यवाही में भी ड्रामा जारी रहा। जब फारुख टकला के जुड़वा भाई से पूछा गया कि वह कुछ कहना चाहता है तो सीबीआई अधिकारियों के पीछे खड़े मंसूर ने रिपोटर्स का रुख किया, जिसपर उसे जज के सामने ही अपनी बात रखने की सलाह दी गई। मंसूर ने बताया वह फारुख का जुड़वा भाई है और पहले इस केस में उसे भी आरोपी बनाया गया था। उसने बताया कि पहली ही सुनवाई में वह बरी हो गया। मंसूर ने कहा, ‘सारे सीबीआई अधिकारी मुझे जानते हैं। मेरी वजह से ही फारुख भारत आया है।’ फारुख ने बीच में कहा कि मंसूर को उसकी फिक्र है। सुनवाई के दौरान मंसूर बेहोश हो गया और जज ने उसे बाहर ले जाने को कहा। बता दें, फारुख टकला अपने जुड़वा भाई मंसूर से पांच मिनट छोटा है। 25 साल बाद फारुख को कोर्ट रूम में देख पाईं उसकी मां भी अपने आंसू नहीं रोक पाईं। उसके बेटे भी सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में मौजूद रहे।