मुंबई
भीमा-कोरेगांव हिंसा के आरोपी संभाजी भिडे को गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर दलित समाज के लोग सोमवार को बड़ी संख्या में सड़क पर उतरे। मोर्चा पहले भायखला से निकलने वाला था, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी, तो मोर्चे में शामिल होने आए लोग छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन के सामने जमा हो गए। बाद में उन्होंने आजाद मैदान तक ‘यलगार मोर्चा’ निकाला। सभा को आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने संबोधित किया। दलितों के इस आंदोलन को मराठा समाज की संस्था संभाजी ब्रिगेड ने भी अपना समर्थन दिया था। विधानमंडल के दोनों सदनों में इस आंदोलन की गूंज सुनाई दी। विपक्ष ने सरकार पर आरोपी संभाजी भिडे को बचाने का आरोप लगाया।
मोदी पर साधा निशाना
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि संभाजी भिडे उर्फ ‘गुरुजी’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन की वजह से गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि मोदी, भिडे को अपना गुरु मानते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘हम मोदी के साथ लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि महाराष्ट्र सरकार द्वारा अगर कार्रवाई नहीं की गई तो हमें पता है कि सही समय पर इससे कैसे निपटना है। हम जानते हैं कि कैसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लोगों के सामने झुकाया जाता है।’
आठ दिन की चेतावनी
आंबेडकर ने कहा, ‘अगर कानून लागू नहीं किया गया और भिड़े को आठ दिनों के अंदर गिरफ्तार नहीं किया गया, तो हम हमारे भविष्य की रणनीति की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। कानून सबके लिए समान क्यों नहीं है? अगर एक और हिंदुत्व नेता मिलिंद एकबोटे गिरफ्तार हो सकता है, तो भीमा-कोरेगांव का मुख्य आरोपी होने के बावजूद, ऐसी क्या चीज है जो भिडे को गिरफ्तार करने से रोक रही है।’ उन्होंने महाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब पाटील-दानवे को भी भीमा-कोरेगांव दंगे के संबंध में सोशल मीडिया पर बयान देने के लिए गिरफ्तार करने की मांग की।