मुंबई
एक बड़ी ऐड कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करने वाले अभिजीत दास को हाल ही में 1.4 लाख रुपये का चूना लगा है। किसी ने उनके फोन नंबर के क्लोन और बैंक डीटेल्स इस्तेमाल करके उनके खाते से पैसे निकाल लिए गए। अभिजीत ने थाने जाकर एफआईआर करवाई। अब बैंक का कहना है कि वह पैसे वापस नहीं करेगी क्योंकि इसमें उसकी तरफ से कोई गड़बड़ नहीं हुई है।कोलकाता के मूल निवासी अभिजीत दास ने बताया कि 26 फरवरी को सुबह 4:45 बजे उन्होंने अपना फोन चेक किया तो पाया कि कई सारे मेसेज थे, जिनमें उनके खाते से हुए ट्रांजैक्शन डीटेल्स थे। अभिजीत का कहना है कि ये ट्रांजैक्शन उन्होंने नहीं किए।
उन्होंने आगे बताया कि रात के 12:45 पर उनके फोन पर नया नेटबैंकिंग पासवर्ड जेनरेट करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आया और पासवर्ड चेंज भी कर लिया गया। उनके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने के लिए अरविंद कुमार और अरविंद शर्मा नाम के बैंक अकाउंट को बेनिफिशरी के तौर पर ऐड किया गया फिर अरविंद कुमार के खाते में 50,000 और अरविंद शर्मा के खाते में 41,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए गए।
इसके बाद बैंक ने अभिजीत के नेटबैंकिंग अकाउंट को ब्लॉक कर दिया। बैंक ने जब कस्टमर केयर को कॉल किया तो एफआईआर लिखवाने को कहा गया। अभिजीत ने सुबह ही वर्सोआ थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद अभिजीत को बैंक की ओर से फोन आया और कहा गया कि बैंक की ओर से रात 2:30 बजे उन्हें फोन किया गया था क्योंकि बैंक को इन ट्रांजैक्शंस पर शक हुआ था लेकिन अभिजीत का फोन साइलेंट पर होने के कारण वह फोन नहीं उठा सके।
बताया गया कि बैंक ने एक हफ्ते बाद एक मेल करके बताया कि अभिजीत के ओटीपी और बैंक डीटेल्स को जाने या अनजाने में ही किसी ना किसी से शेयर किया गया है और उसी ने इसका गलत फायाद उठाया है जबकि अभिजीत और उनकी पत्नी का कहना है कि हमने ये जानकारी किसी से नहीं शेयर की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।