घर में रखी हर एक वस्तु का संबंध वास्तु शास्त्र से होता है। वास्तु शास्त्र में घर की चीजों के लिए सही-गलत जगहें बताई गई हैं। अगर चीजें सही जगहों पर रखी रहती है तो घर में सकारात्मकता बनी रहती है और कार्यों में सफलता मिलने की संभावनाएं बनी रहती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री के अनुसार वास्तु में ये भी बताया गया है कि घर में आइना कहां लगाना चाहिए और कहां नहीं, यहां जानिए दर्पण से जुड़ी खास बातें…
1.घर में ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में आइना लगाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखने से आय में वृद्धि होने के योग बन सकते हैं।
2.घर में दक्षिण, पश्चिम, आग्नेय (दक्षिण-पूर्व दिशा), वायव्य (उत्तर-पश्चिम दिशा) और नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में दीवारों पर लगे हुए दर्पण अशुभ फल देते हैं। अगर आपके यहां इस प्रकार के दर्पण लगे हुए हैं तो ध्यान रखें जब इनका उपयोग न हो, इन्हें ढंक देना चाहिए। अगर इन्हें हटा सकते हैं तो हटा देना चाहिए।
3.कमरे में दरवाजे के अंदर की ओर दर्पण नहीं लगाना चाहिए। अगर दरवाजा ईशान दिशा की ओर हो तो दर्पण लगाया जा सकता है।
4.वास्तु के अनुसार घर में लगे दर्पणों से एक प्रकार की ऊर्जा बाहर निकलती है। यह ऊर्जा कितनी अच्छी या कितनी अधिक खराब हो सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दर्पण किस स्थान पर लगा हुआ है।
5.दर्पण का अशुभ असर कम करने के लिए उन्हें ढक कर रखना चाहिए। अगर आप चाहें तो आइना अलमारियों के अंदर भी लगवा सकते हैं।
6.बेडरूम में पलंग के सामने आइना अशुभ माना जाता है। पति-पत्नी को रात को सोने से पहले दर्पण ढंक देना चाहिए। अगर रात में पति-पत्नी को प्रतिबिंब दर्पण में दिखता है तो वैवाहिक जीवन में परेशानियां बढ़ सकती है।