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8 साल की बच्ची से गैंगरेप के आरोपी समेत 3 पुलिसवालों को मुफ्ती सरकार ने किया बर्खास्त।

जम्मू
कठुआ गैंगरेप मामले में महबूबा मुफ्ती सरकार ने 3 पुलिसवालों को बर्खास्त कर दिया है। ये तीनों पुलिसवाले कठुआ की आठ साल की बच्ची के गैंगरेप और मर्डर केस में आरोपी थे। जम्मू-कश्मीर की सीएम ने कहा है कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए देश के लोग जिस तरह से आगे आए उससे व्यवस्था में विश्वास बहाल होगा। उन्होंने पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने में जम्मू – कश्मीर सरकार के साथ खड़े होने के लिए देश के नेतृत्व , न्यायपालिका , मीडिया और सीविल सोसाइटी की प्रशंसा की है। कठुआ मामले में ऐक्शन में आई महबूबा सरकार ने इस मामले में आरोपी सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इनमें दत्ता और तिलक राज पर सबूत मिटाने जबकि दीपक खजुरिया पर बच्ची के अपहरण, गैंगरेप और मर्डर में शामिल होने का आरोप है। आपको बता दें कि बच्ची को कठुआ के रासना गांव के एक मंदिर में रखकर लगातार 7 दिनों तक गैंगरेप करने के बाद मार दिया गया था। यह वारदात 10 से 17 जनवरी के बीच की है। उधर, बार असोसिएशन कठुआ (बाक) ने गैंगरेप और हत्या के आठ आरोपियों का मुफ्त में मुकदमा लड़ने का अपना प्रस्ताव भी वापस ले लिया है। उसका यह फैसला उस वक्त आया है जब दो दिन पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करने की वकीलों की कोशिश पर गंभीरता से संज्ञान लिया था और कहा था कि इस तरह से बाधा डालने से न्याय व्यवस्था प्रभावित होती है। बीते शुक्रवार को मामले का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बार असोसिएशनों का यह कर्तव्य है कि आरोपियों या पीड़ित परिवारों की पैरवी करने वाले वकीलों के काम में बाधा नहीं डाली जाए।
बाक अध्यक्ष कीर्ति भूषण ने कहा, ‘हमने इस मामले में मुफ्त में मुकदमा लड़ने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। आरोपी किसी भी व्यक्ति की सेवा लेने और अदालत में अपना बचाव करने के अधिकार का इस्तेमाल करने को स्वतंत्र हैं।’ आपको बता दें कि महबूबा ने शनिवार को इस मसले पर पीडीपी विधायकों संग बैठक की है। जम्मू-कश्मीर सीएम ने कहा कि, ‘भारतीय लोकतंत्र का मूलतत्व यहां की संस्थाओं में है और एक बार फिर यह सबित हो गया है कि इन संस्थाओं के पास समाज के किसी तबके को न्याय दिलाने की ताकत है।’
बलात्कारियों को फांसी पर लटकाना चाहिए: निर्भया की मां
दिल्ली में 2012 में गैंगरेप का शिकार हुई निर्भया के अभिभावकों ने कठुआ रेप के मामले में दोषी को फांसी की सजा देने की वकालत की और कहा कि भले समाज आगे बढ़ गया हो लेकिन ‘बेटियां अब भी सुरक्षित नहीं है।’ आपको बता दें कि 23 वर्षीय पारामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक बलात्कार हुआ था और 29 दिसंबर 2012 को उसकी मौत हो गई थी। निर्भया की मां दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल द्वारा किए जा रहे अनिश्चित हड़ताल में पहुंची थीं। /हां निर्भया की मां ने कहा, ‘मैं बहुत दुखी हूं कि हम एक समाज के तौर पर बहुत आगे बढ़ गए हैं लेकिन हमारी बेटियां आज भी सुरक्षित नहीं है। मैं मांग करती हूं कि बलात्कारियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।’

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