मुंबई
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के एक नामी इंटरनैशनल स्कूल के निदेशक ब्रिलंट पैट्रिक जैकी हेनरी मॉरिस को निर्देश दिया है कि वह तीन दिन के अंदर पुलिस के सामने सरेंडर करें। हेनरी पर तीन साल की एक बच्ची के साथ यौन शोषण करने का आरोप है। एसीपी मिलिंद खेतले ने बताया कि ब्रिलंट की बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल को जमानत रद्द कर दी थी। इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट गया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही माना और उसे 72 घंटे के अंदर आत्मसमर्पण करने को कहा।
फ्रांसीसी नागरिक ब्रिलंट 25 साल पहले मुंबई आया था। उसने यहां एक भारतीय लड़की से शादी कर ली थी। उसे पिछले साल 7 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। 24 नवंबर को वह जमानत पर छूटा था। 5 जनवरी, 2018 को उसके खिलाफ दिंडोशी कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया था। ब्रिलंट जमानत मिलने के बाद नियमित स्कूल आता रहा। इसके बाद बच्ची की मां ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी दी और ब्रिलंट की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया।
मामला फरवरी 2017 का है। आरोप है ब्रिलंट ने बच्ची को स्कूल के एक शिक्षक के जरिए अपने केबिन में बुलाया और फिर उसका यौन शोषण किया। पुलिस का कहना है कि बच्ची बहुत छोटी होने के कारण यौन शोषण के बारे में बता नहीं पाई थी। उसके बदले व्यवहार से माता-पिता परेशान थे। वह ठीक से बैठ और चल भी नहीं पा रही थी। उसी दौरान जख्म देखकर मां-बाप को अंदेशा हुआ कि उनकी बच्ची के साथ यौन शोषण हुआ है। उन्होंने स्कूल की वेबसाइट पर शिक्षकों, प्रधानाचार्य, निदेशक और न्यासियों के फोटो उसे दिखाए। बच्ची ने उसी में ब्रिलंट को पहचान लिया था।