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कठुआ के बाद अब गुजरात के सूरत में एक नाबालिग के साथ रेप और हत्या का मामला सामने आया है।

सूरत
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची की बर्बर रेप के बाद हत्या की खबर से जहां अभी पूरा देश गुस्से में था वहीं, गुजरात के सूरत में 11 साल के बच्ची के साथ ऐसा ही मामला सामने आ गया है। पूरे राज्य में इस अनजान बच्ची के साथ हुई इस बर्बर घटना से लोग गुस्से में हैं और इसका विरोध हो रहा है। आम नागरिक से लेकर पुलिस प्रशासन ने बच्ची के साथ रेप करने वालों की जानकारी देने के लिए इनाम की घोषणा कर दी है। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने आरोपियों को पकड़कर कड़ी सजा देने की मांग की है। उधर, बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले की तलाश अभी जारी है। पुलिस सरगर्मी के साथ आरोपियों की खोज रही है। अभी तक पीड़ित बच्ची की पहचान भी नहीं हो पाई है। पुलिस ने 20,000 रुपये का इनाम बच्ची के बारे में जानकारी देने के लिए रखा है, पोस्टर लगवाए हैं और कई टीमें सुराग जुटाने में लग चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

इस मासूम का शव 6 अप्रैल को मिला था। फरेंसिक जांच में बच्ची से बलात्कार, गला दबाकर हत्या और शरीर पर चोटों के 86 निशान होने की बात सामने आई थी। बच्ची की लाश जिस स्थिति में पाई गई थी, उससे उसके साथ की गई क्रूरता का पता चलता है। उसके दांतों पर खून के साथ-साथ गाल पर आंसू तक सूख गए गए थे।
क्राइम ब्रांच को जांच, पुलिस टीमें जुटीं
मामले की जांच सूरत क्राइम ब्रांच को सौंपी जा चुकी है। गुजरात पुलिस ने सूरत में लगभग 1200 और उत्तर गुजरात में 1000 पोस्टर और बैनर लगवाए हैं। गुजरात पुलिस की लगभग 20 टीमें केस की जांच में जुट चुकी हैं। सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा ने बताया कि उनकी टीमें जिस जगह बच्ची का शव पाया गया था, वहां 4 किलोमीटर के दायरे में एक-एक दरवाजे पर जाकर पूछताछ कर रही हैं। आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। शर्मा ने आशंका जताई है कि हो सकता है वारदात को अंजाम कहीं और दिया गया हो और शव उस जगह फेंक दिया गया हो। उन्होंने बताया कि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से लापता हुई लगभग 8000 लड़कियों का डेटा खोजा जा चुका है लेकिन इस बच्ची के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। बच्ची की तस्वीरें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार और दूसरे राज्यों को भेज दी गई हैं।आम लोगों ने भी रखे इनाम
बच्ची के साथ हुई दरिंदगी का पता चलने पर लोकल डिवेलपर तुषार घेलानी ने बच्ची या आरोपियों के बारे में जानकारी देने पर पुलिस से भी ज्यादा 5 लाख रुपये का इनाम रखा है। उन्होंने कहा, ‘सूरत की घटना शर्मनाक है। रैली और प्रदर्शन करना एक बात है लेकिन दोषियों को पकड़कर कड़ी सजा दिलाने का क्या? इस क्रूर अपराध के दोषियों को पकड़ना जरूरी है और मैंने जो कैश प्राइज रखा है, उससे उन्हें पकड़ने में मदद मिलेगी।’

उन्होंने कहा कि कई बार लोग जानकारी देने के लिए आगे नहीं आते। वह उम्मीद करते हैं कि कैश के लिए वह जानकारी देंगे। जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उन्हें किसी से डरना नहीं होगा। वहीं, सूरत डायमंड असोसिएशन के सदस्य आला पुलिस अधिकारियों से मिले हैं और वे बड़े इनाम की घोषणा कर सकते हैं।
गुस्साए लोग कर रहे प्रदर्शन
उन्नाव और कठुआ की घटनाओं से विचलित लोग सूरत की घटना सामने आने पर सड़कों पर उतर चुके हैं। शहर में जगह-जगह कैंडल मार्च और रैलियां की गईं। इनमें डॉक्टर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंकर, स्टूडेंट हर वर्ग शामिल हुआ। लोगों ने देशभर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों और पुलिस और सरकारों की निष्क्रियता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।मानवीय मूल्यों के लिए जगह नहीं’
इस बारे में गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने केंद्र से मदद मांगी है। वहीं, घिनौने कृत्य के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए लेखिका अनूपा मेहता ने कहा है कि उन्नाव, कठुआ के बाद सूरत में रेप की ऐसी घटना से साबित होता है कि भारतीय समाज पूरी तरह से बिगड़ चुका है। मानवीय मूल्यों की कोई जगह नहीं बची है, आदर्शों और उम्मीदों की तो बात ही छोड़ दें।
वहीं, मशहूर बिजनसमैन आनंद महिंद्रा ने भी बेहद गुस्से में ट्वीट किया है- ‘जल्लाद का काम कोई ऐसा नहीं होता कि कोई करना चाहे लेकिन बच्चियों के साथ निर्दयता से रेप और हत्या करने वालों को सजा देने के लिए मैं बिना हिचक यह काम करूंगा। मैं शांत रहने के लिए बहुत मेहनत करता हूं लेकिन जब देश में ऐसा होता है तो मेरा खून खौलता है।राज्य सरकार पर हमला
वहीं गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने राज्य में बढ़ती रेप की घटनाओं और घटते लिंग अनुपात को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘2011 में लिंग अनुपात 1000 पुरुषों पर 919 महिलाओं का था जबकि 2017 में यह घटकर 1000 पुरुषों पर 854 महिलाओं तक आ गया है। ऐसा लगता है कि बेटियों को मां की कोख से बाहर आने में ही डर लगता है।’

वहीं, जाट आंदोलन से गुजरात के राजनीतिक पटल पर पहुंचे हार्दिक पटेल ने गुजरात में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा, ‘यह है सच्चा गुजरात मॉडल। पुलिस और सरकार लाचार हो चुकी हैं और अब जनता को न्याय के लिए बाहर आना होगा।’ ‘

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