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1993 सीरियल ब्लास्ट के दोषी ताहिर मर्चेंट की मौत

मुंबई
मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के एक दोषी एम. ताहिर मर्चेंट ऊर्फ ताहिर टकला की बुधवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मर्चेंट को इस मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) बी. के. उपाध्याय ने कहा, ‘पुणे के यरवदा सेंट्रल जेल में बंद मर्चेंट को तड़के करीब तीन बजे दिल का दौरा पड़ा और उसे सासून अस्पताल ले जाया गया।’ उन्होंने बताया कि ताहिर पर इलाज का कुछ असर नहीं हुआ और तड़के करीब 3.45 बजे उसकी मौत हो गई।

इससे पहले पिछले साल इन्हीं बम धमाकों के एक अन्य दोषी मुस्तफा दौसा की भी सजा सुनाए जाने से पहले मौत हो गई थी। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उसे जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। मुस्तफा को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की शिकायत थी। आपको बता दें कि ताहिर 1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट की योजना बनाने और बम प्‍लांट करने में दोषी पाया गया था। उसे 2007 में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ धमाकों के लिए पैसा जुटाने और कई आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भिजवाने का भी आरोप था। 7 सितंबर 2017 को विशेष टाडा अदालत ने ताहिर मर्चेंट सहित पांच दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। ताहिर और मुस्तफा दौसा की मौत के बाद अब मुंबई ब्लास्ट के अन्य आरोपियों में अबू सलेम, करीमुल्लाह शेख, फिरोज राशिद खान और रियाज सिद्दीकी बचे हैं। फिरोज राशिद खान को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि करीमुल्लाह शेख और अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं रियाज को इस मामले में 10 साल की सजा दी गई थी।

गौरतलब है कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में 12 मिनट में 12 जगहों पर बम ब्लास्ट हुए थे। इन बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे और इन धमाकों में 27 करोड़ से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ था।

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