नई दिल्ली
यह निर्भया केस के बाद हुए कानूनी बदलाव का ही नतीजा है कि आसाराम को जिंदगी भर के लिए जेल में रहने की सजा सुनाई गई है। दिल्ली सरकार के पूर्व डायरेक्टर (प्रॉसिक्यूशन) बी. एस. जून बताते हैं कि निर्भया केस के बाद रेप लॉ में बदलाव करके उसके बेहद सख्त बना दिया गया था। यह बदलाव 2 अप्रैल 2013 से लागू हुए। आसाराम के खिलाफ मामला अगस्त 2013 में दर्ज हुआ और यही कारण है कि उसे नए कानून के तहत सजा मिली। आसाराम को रेप की जिन धाराओं में जीवन भर जेल की सजा हुई है, वे तमाम धाराएं और कानून निर्भया केस के बाद जोड़े गए थे। इसके तहत गैंगरेप में 20 साल से लेकर उम्रकैद यानी मौत होने तक जेल में रखने का प्रावधान किया गया था। वहीं, ऐसा शख्स रेप करता है, जिस पर पीड़िता भरोसा करती थी तो ऐसे मामले में 10 साल से लेकर ताउम्र जेल का नियम बनाया गया। इन दोनों ही धाराओं में आसाराम को सजा दी गई है। इससे पहले, गैंग रेप के मामले में उम्रकैद का प्रावधान था। जानेमाने क्रिमिनल वकील राजीव मोहन ने बताया कि पहले गैंग रेप में अधिकतम उम्रकैद का ही प्रावधान था, हालांकि सरकार को 14 साल जेल काटने के बाद सजा में छूट देने का अधिकार था। लेकिन जिन दो धाराओं में आसाराम को उम्रकैद दी गई है, उसमें उम्रकैद का मतलब नैचरल तरीके से मौत होने तक जेल से है और ऐसे मामले में सरकार सजा में छूट नहीं दे सकती