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मुंबई में पुराने पनवेल के जल-संकट से मनपा हुई सतर्क

नवी मुंबई
पुराने पनवेल क्षेत्र में चल रहे जल-संकट को देखते हुए पनवेल मनपा (नवी मुंबई महानगरपाल‍िका) जल-बचत को लेकर और सतर्क हो गई है। प्रशासन ने इस क्षेत्र में निर्माणाधीन व बनकर तैयार हो चुकी इमारतों की जलापूर्ति रोकने का आदेश दिया है। हालांकि स्थानीय निवासियों तथा नगरसेवकों ने इसका विरोध किया है। नगरसेवकों ने मनपा से अनुरोध किया है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे। कई नगरसेवकों का कहना है कि जिन निवासियों व इमारतों को नल के कनेक्शन पहले से ही दिए गए थे, उनकी जलापूर्ति रोकना गलत है। ऐसा माना जा रहा है कि मॉनसून के आगमन और जलाशयों में पर्याप्त पानी जमा हो जाने तक पनवेल मनपा क्षेत्र में पीने के पानी का संकट बना रहने वाला है।
नया कनेक्शन नहीं

जलापूर्ति विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पनवेल मनपा उपायुक्त ने एक आदेश जारी कर कहा है कि निर्माणाधीन व बन चुकी नई इमारतों को जून तक पानी का कोई भी कनेक्शन न दिया जाए। साथ ही मनपा के सभी कर्मचारियों को इसपर नजर रखने का निर्देश दिया गया है कि पूरे मनपा क्षेत्र में कहीं भी जल की बर्बादी न होने पाए। आम जन से भी अनुरोध किया जा रहा है कि वे किसी भी सूरत में पानी बर्बाद न करें। जलापूर्ति की कमी दूर करने के लिए विभिन्न स्रोतों से अतिरिक्त पानी खरीदने के लिए पनवेल मनपा लगातार प्रयत्नशील है, हालांकि इस दिशा में अबतक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।

नई पाइपलाइन
केंद्रीय अमृत योजना के तहत पनवेल मनपा 27 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाल रही है। सूत्रों के अनुसार अबतक करीब 20 किलोमीटर तक पाइप डालने का काम पूरा हो गया है। इस काम पर 17.50 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अभी तब बिछाई गई पाइप के चलते पानी के टैंकरों की मांग में खासी कमी आ चुकी है। साथ ही पानी वितरण में हो रही करीब 20 प्रतिशत तक की बर्बादी में भी खासी कमी आई है। मनपा प्रशासन ने कहा है कि पर्याप्त पानी के अभाव में एक दिन के अंतर से की जा रही जलापूर्ति मॉनसून आने तक इसी तरह से बनी रहेगी।

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