मुंबई
गोरेगांव पुलिस ने लोगों से नकली पुलिस बनकर ठगने वाले एक शातिर गैंग का खुलासा किया है। पुलिस की गिरफ्त में आए इन शातिर आरोपियों के नाम लाला समीर जाफर हुसेन उर्फ लाला इराणी उर्फ गांधी (38), सावर रजा सैय्यद (28) और असदउल्ला फय्याज खान (35) हैं। सभी ठाणे के अबु तालिब मस्जिद के नजदीक, इंदिरा नगर, आंबिवली, कल्याण के रहने वाले हैं और सभी झपटमारी, लूटपाट, मारपीट, फर्जीवाड़ा एवं धोखाधड़ी करने वाले कुख्यात गैंग ‘ईरानी गैंग’ के बदमाश हैं। चाकू दिखाकर आभूषण लूटे
पुलिस के अनुसार, फिल्मिस्तान स्टूडियो के सामने रहने वाली लतिका भाटिया (69) ने 15 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उसी दिन सुबह 8.30 बजे जैन मंदिर से घर जाते समय तीन लोगों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उन्हें बीच रास्ते मे रोका। उनमें से एक ने उन्हें चाकू दिखाकर डराया और उनके पास मौजूद आभूषण निकाल कर देने को कहा। उन्होंने डरकर 8 तोला सोने के आभूषण उन्हें दे दिए, जिसे लेकर वे लोग भाग गए। गोरेगांव पुलिस ने लतिका की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 170 और 34 दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
सीसीटीवी में दिखे संदिग्ध
पुलिस ने जैन मंदिर से गोरेगांव रेलवे स्टेशन के बीच लगे सीसीटीवी फुटेज की जब जांच की तो उनमें तीन संदिग्ध लोग दिखाई दिए, जो ‘ईरानी’ गैंग से जुड़े होने जैसे दिखते थे। इस बीच, नैशनल पार्क के पास इन लोगों के आने की गुप्त सूचना पुलिस को 26 अप्रैल को दोबारा मिली, जिसके बाद नॉर्थ रीजन के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश प्रधान, पुलिस उप आयुक्त विक्रम देशमाने और सीनियर पीआई धनजी नालावडे के मार्गदर्शन में पोउनि मुजावर और पोउनि म्हात्रे की टीम ने बोरिवली नैशनल पार्क गेट के पास से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आंध्रप्रदेश में भी मामले दर्ज
ईरानी गैंग के बदमाशों से हुई पूछताछ में पुलिस को पता चला कि इन बदमाशों के खिलाफ मालाड, एमआईडीसी, एमएचबी के अलावा आंध्रप्रदेश के हैदराबाद स्थित कारखाना, बोपेनपल्ली और राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशनों में आईपीसी की धारा 420 और 379 के तहत मामले दर्ज हैं। फिलहाल सभी आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और मामले की जांच गोरेगांव पुलिस कर रही है।