मुंबई
यह खबर बैंक स्टाफ के खराब व्यवहार से परेशान लोगों का साहस बढ़ाने वाली है। मुंबई के एक बैंक स्टाफ ने ग्राहक के साथ खराब व्यवहार किया तो बैंक पर उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना किया है। इतना ही नहीं उपभोक्ता फोरम ने यह भी आदेश दिया है कि बैंक पीड़ित से लिखित माफी मांगे।यह केस एनकेजीएसबी बैंक के ग्राहक और पेशे से डॉक्टर पेशे से डॉक्टर इरफाना सिद्दकी ने उपभोक्ता फोरम में दायर किया था। फैसला देते हुए उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एसडी मडके और सदस्य एसवी कलाल ने कहा कि एनकेजीएसबी बैंक के कर्मचारी ने उनके एक ग्राहक के साथ खराब बर्ताव किया।
कर्ला के रहने वाले डॉ. सिद्दकी ने बताया कि 2016 में उन्हें रुपयों की सख्त जरूरत थी। उनके घर के बगल में स्थित बैंक उनका जॉइंट अकाउंट था। वह वहां रुपये निकालने पहुंचीं। बैंक स्टाफ ने उन्हें बिद्ड्रॉल स्लिप से रुपये देने से इनकार कर दिया।
उसने कहा कि बिना चेकबुक या पासबुक के वह उन्हें रुपये नहीं देगा। डॉ. सिद्दकी ने उससे चेकबुक मांगी तो उसने कहा कि सह खाता धारकों की सहमति के बिना उन्हें चेकबुक नहीं दी जाएगी। इस दौरान बैंक स्टाफ ने उनके साथ जो व्यवहार किया वह बहुत ही खराब था।
उन्होंने बताया कि बैंक स्टाफ ने उनके लिए अपशब्दों का भी प्रयोग किया। उसके इस व्यवहार से दुखी होकर उन्होंने उपभोक्ता फोरम में शिकायत करके पांच लाख रुपये बैंक से क्षतिपूर्ति मांगी। उपभोक्ता फोरम के बेंच ने पाया कि बैंक स्टाफ ने डॉ. सिद्दकी के साथ अभद्र व्यवहार किया।
वह परेशान थीं उन्हें रुपयों की सख्त जरूरत थी इसलिए बैंक स्टाफ को उनकी मदद करनी चाहिए थी न की उनके साथ इस तरह का व्यवहार करना चाहिए था। फोरम ने आदेश दिया कि बैंक डॉ. सिद्दकी से लिखित माफी मांगे और उन्हें कोर्ट में खर्च हुए 10,000 रुपये की क्षतिपूर्ति करे.