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सरकारी ऑफिसों में बंद होगी अंग्रेजी, मराठी का इस्तेमाल न करने पर होगी कार्रवाई

मुंबई. आने वाले दिनों में महाराष्ट्र के सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों को अंग्रेजी का इस्तेमाल बंद करना होगा। प्रदेश में सरकारी कामकाज में अब मराठी भाषा का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। नियम न मानने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश सरकार के मराठी भाषा विभाग की तरफ से इस संबंध में सर्कुलर जारी किया गया है। नियुक्त होंगे मराठी भाषा दक्षता अधिकारी
– नए नियम के हिसाब से मंत्रालय के साथ-साथ सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज के लिए मराठी भाषा के उपयोग का सख्ती से पालन करना होगा।
– मराठी भाषा में काम न करने वाले बाबुओं पर नजर रखने के लिए सरकार ने मनसे की शैली में ‘मराठी भाषा दक्षता अधिकारी’ की नियुक्ति करने का भी फैसला किया है।

क्या है नए सर्कुलर में खास?
– प्रदेश सरकार के मराठी भाषा विभाग की तरफ से इस संबंध में सर्कुलर जारी किया गया है। इसके अनुसार, राज्य मंत्रिमंडल और विभिन्न विभागों की बैठकों में अधिकारियों को प्रेजेंटेशन मराठी में ही देना होगा।
– सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने और उस संबंध में फोन पर बात करते समय अधिकारियों को मराठी में जानकारी देनी होगी।
– वरिष्ठ अधिकारियों को सभा में भाषण देते समय मराठी भाषा का उपयोग करना होगा।
– सभी विभागों की तरफ से चलाई जाने वाली योजनाओं का नामकरण भी मराठी में करना होगा।
– सरकारी कार्यालयों में बोर्ड मराठी में लगाना होगा। सरकार की तरफ से विभिन्न विभागों के लिए बनाई जाने वाली वेबसाइट को मराठी में तैयार करना होगा।
– इसके अलावा सरकारी कामकाज में पत्र व्यवहार व निमंत्रण पत्रिका मराठी में प्रकाशित करना जरूरी होगा। साथ ही रेलवे स्टेशन और गांव के नाम का उल्लेख करते समय मराठी भाषा में देवनागरी लिपि में नाम लिखना होगा।
– सरकारी कार्यालयों की तरफ से जारी किए जाने वाले विज्ञापन और टेंडर को कम से कम दो मराठी अखबारों में प्रकाशित करना आवश्यक होगा।
– राज्य सरकार के कर्मचारियों के विभागीय परीक्षा व पदभर्ती के लिए ली जाने वाली स्पर्धा परीक्षा मराठी में लेना जरूरी होगा। यदि कोई विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा में उत्तर लिखने की अनुमति मांगता है तो उसे विभाग प्रमुख से सहमति के बाद मंजूरी दी जाएगी।
– सरकार की तरफ से गठित समितियों की सिफारिशों को मराठी भाषा में देना होगा।

सख्त कार्रवाई का प्रावधान
– जो अधिकारी या कर्मचारी सरकारी कामकाज की भाषा के रूप में मराठी का इस्तेमाल नहीं करेगा, उसके लिए सरकार ने सख्त सजा का प्रावधान किया है।
– ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की एक प्रमोशन और एक वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी। इसीलिए अब हर अधिकारी को फाइलों पर मराठी में ही टिप्पणी लिखनी होगी।

मंत्रियों पर भी लागू होगा नियम

– मंत्रालयों के विभिन्न विभागों में मंत्रियों और सचिवों जैसे वरिष्ठ स्तर पर लिखी जाने वाली टिप्पणियां और आदेश अनिवार्य रूप से मराठी भाषा में होने चाहिए। मंत्रियों और राज्य मंत्रियों से आग्रह किया गया है कि वे अपने पास आने वाली हर फाइल और प्रकरण को मराठी में प्रस्तुत करें।
– सरकार का यह फैसला सभी सरकारी विभागों, उनके अंतर्गत आने वाले संचालनालयों, महामंडलों, सरकारी उपक्रमों और उनके द्वारा आयोजित होने वाले सभी समारोहों के निमंत्रण पत्रों, सूचनाओं और विज्ञापनों पर लागू होगा।

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