नई दिल्ली: पाकिस्तान के बेदखल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को यह कबूल किया कि 2008 में मुंबई पर हुए 26/11 के आतंकी हमले को पाकिस्तानी आतंकियों ने ही अंजाम दिया था. डॉन अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने यह बात मानी.
अखबार के अनुसार नवाज ने कहा, ‘आतंकी संगठन सक्रीय हैं. नॉन स्टेट एक्टर्स कह कर क्या हम उन्हें सीमा लांघ कर मुंबई में 150 लोगों की जान लेने की इजाजत देनी चाहिए? मुझे बताएं. हम मामले की सुनवाई पूरी क्यों नहीं कर सकते?’
पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा सार्वजनिक पद के लिए आजीवन अयोग्य घोषित किए गए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद को अलग-थलग कर लिया है. शरीफ ने डॉन से कहा, ‘‘हमने खुद को अलग-थलग कर लिया है. बलिदान देने के बावजूद, हमारी बात को नहीं माना जा रहा है. अफगानिस्तान की बात मानी जा रही है, लेकिन हमारी नहीं मानी जा रही है. हमें इसे देखना चाहिए.’’
पाकिस्तान में खुलेआम सक्रिय मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और मौलाना मसूद अजहर के आतंकी संगठनों- जमात उद दावा और जैश ए मोहम्मद का नाम लिए बिना शरीफ ने कहा, ‘पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं.’ शरीफ ने कहा, ‘‘उन्हें सरकार से इतर तत्व कहिए, क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 से अधिक लोगों की हत्या करने की अनुमति देनी चाहिए? हम मुकदमा पूरा क्यों नहीं कर सकते?’’
मुंबई हमलों से संबंधित मुकदमे रावलपिंडी स्थित आतंकवाद रोधी अदालत में लंबित हैं. शरीफ ने कहा, ‘‘यह (सरकार इतर तत्वों को सीमा पार करने और वहां आतंकवाद फैलाने की अनुमति देना) पूरी तरह अस्वीकार्य है. राष्ट्रपति (व्लदिमीर) पुतिन यह कह चुके हैं. राष्ट्रपति शी (चिनफिंग) यह कह चुके हैं.’’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान अमेरिका को ‘झूठ और धोखे’ के सिवाय कुछ नहीं दे रहा और वह आतंकवादियों को ‘सुरक्षित शरणस्थली’ उपलब्ध करा रहा है.
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने शरीफ (68) को इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया था कि वह ‘ईमानदार और नेक व्यक्ति’ नहीं हैं क्योंकि उन्होंने 2013 में संयुक्त अरब अमीरात में अपने बेटे की कंपनी से मिलने वाला वेतन घोषित नहीं किया था.
शीर्ष अदालत ने फरवरी में शरीफ को सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख के रूप में भी अयोग्य घोषित कर दिया था. सैन्य और न्यायिक प्रतिष्ठान का हवाला देते हुए शरीफ ने कहा, ‘‘यदि आपके पास दो या तीन समानांतर सरकारें हों तो आप देश नहीं चला सकते. यह रुकना चाहिए. केवल एक सरकार हो सकती है-संवैधानिक रूप से एक.’’
मुंबई हमलों को नौ साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन पाकिस्तान में अब तक किसी भी संदिग्ध को दंडित नहीं किया गया है जिससे पता चलता है कि यह मामला देश के लिए कभी प्राथमिकता नहीं रहा. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे. लश्कर-ए-तैयबा के 10 हमलावर आतंकियों में से नौ को भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था तथा अजमल कसाब को जीवित पकड़ लिया था. बाद में कसाब को फांसी दे दी गई थी.भारत लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ही 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले को अंजाम दिया था जिसमें 166 लोग मारे गए थे. पीठ पर बैग लिए स्वचालित हथियारों और ग्रेनेड लॉन्चरों से लैस 10 आतंकियों ने एक साथ मुंबई की कई जगहों पर हमला किया था. तीन दिन की मशक्कत के बाद 9 आतंकी मार गिराए गए थे जबकि एक को जिंदा पकड़ा गया था.