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यौन उत्पीड़न के लिए कर रहे ‘इमोजी’ का इस्तेमाल, कई मामले आए सामने

मुंबई
इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ ही तेजी से चैटिंग का चलन शुरू हुआ और इसमें एक क्रांति की तरह इमोजी उभरकर आए हैं। अपनी भावनाओं को शब्दों के साथ-साथ इमोजी की मदद से जाहिर करना आसान हो गया है। चेहरे की भाव-भंगिमाओं से लेकर फल-सब्जियों और यातायात के साधनों तक को इनमें शामिल किया गया है। अब इनका नकारात्मक स्वरूप सामने आ रहा है, जहां इमोजी का इस्तेमाल यौन उत्पीड़न के लिए किया जा रहा है। स्मार्टफोन्स और इंटरनेट पर बातचीत के लिए प्रयोग किए जाने वाले छोट आइकन्स को इमोजी कहते हैं। अब ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें ऑनलाइन उत्पीड़न और परेशान करने के लिए इमोजी का उपयोग किया जा रहा है। महाराष्ट्र स्टेट कमिशन फॉर विमिन ने हाल ही में ऐसे कई मामले दर्ज किए हैं।

कमिशन की चेयरपर्सन विजया राहतकर ने कहा, ‘हाल ही में ऐसे मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं जिनमें इमोजी की मदद से महिलाओं को दूसरे पुरुषों द्वारा परेशान किया जा रहा है। ऐसे उत्पीड़न से महिलाएं कमजोर और असहाय महसूस करती हैं। और कहीं न कहीं उत्पीड़न करने वाले का मकसद भी यही होता है।’

राहतकर ने कहा, ‘राज्य महिला आयोग ने इसे लेकर एक सायबर कमिटी का गठन किया है और कमिटी की सिफारिशों को अब राज्य सरकार को भेजा जाएगा।’ मनोवैज्ञानिक विकास राणे का इसपर कहना है कि इस तरह का अनुचित व्यवहार मानसिक तौर पर नुकसान पहुंचाता है। वह कहते हैं, ‘इमोजी या इमोटिकॉन्स भावनाओं को आसानी से पहुंचाते हैं लेकिन इनका दुरुपयोग करने वालों को चेतावनी मिलनी चाहिए।’

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