मुंबई
मुंबई एयरपोर्ट में शुक्रवार को यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दरअसल अपग्रेड के लिए मुख्य नैविगेशन एड स्विच ऑफ होने की वजह से मुंबई आने-जाने वाली फ्लाइट्स 45 मिनट से एक घंटे लेट रहीं। ऐसा अनुमान है कि इस पूरे महीने फ्लाइट्स के करीब एक घंटे की देरी से उड़ान भरेंगी और लैंड करेंगी। बता दें कि ज्यादा एयर ट्रैफिक वाले एयरपोर्ट में इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) लाइफ सेवर का काम करता है, जो 5 जून तक मुंबई एयरपोर्ट के मुख्य रनवे 27 में उपलब्ध नहीं रहेगा। दरअसल एयरपोर्ट में नया और बेहतर उपकरण लगाया जा रहा है जिस वजह से आईएलएस को फिलहाल रोक दिया गया है। फ्लाइट ट्रैकिंग ऐप फ्लाइट राडार 24 के अनुसार, शुक्रवार को एयरपोर्ट में 230 फ्लाइट्स के आगमन और 350 फ्लाइट्स के प्रस्थान में देरी हुई।
एक वरिष्ठ एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने बताया, ‘आईएलएस के बिना, लैंड करने वाले फ्लाइट्स के बीच का विभाजन 10 किमी से बढ़कर 12 किमी हो गया है। इस वजह से प्रत्येक विमान अब लैंड करने और उड़ान भरने में ज्यादा समय ले रहा है। दिन बढ़ने के साथ एयरस्पेस में ट्रैफिक और ज्यादा बढ़ता जा रहा है।’
एक वरिष्ठ एयरलाइन कमांडर ने बताया, ‘साधारणतया हमें लैंड करने वाली एक से दो फ्लाइट को होल्ड पर रखने को कहा जाता है। शुक्रवार शाम को अधिकतर पायलटों ने 4-5 फ्लाइट्स होल्ड पर रखी थीं। होल्डिंग का इस्तेमाल एयरक्राफ्ट को डिले कराने के लिए जाता है। इस दौरान फ्लाइट डेस्टिनेशन पर पहुंच तो चुकी होती है लेकिन एयर ट्रैफिक या खराब मौसम के कारण लैंड नहीं कर सकती है।
पूरे महीने रहेगी डिले की समस्या!
मुंबई आने वाली ज्यादातर फ्लाइट्स का डायवर्जन रोकने के लिए अतिरिक्त ईधन पर उड़ाया गया। खबर है कि इस पूरे महीने मुंबई आने वाले या बाहर जाने वाले यात्रियों को खासकर सुबह और शाम की फ्लाइट्स में देरी का सामना करना पड़ सकता है। मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘यद्यपि मुख्य रनवे से आईएलएस गुरुवार को स्विच ऑफ हुआ था लेकिन फ्लाइट्स में देरी बुधवार रात से ही शुरू हो गई थी। वहीं सुबह 9.53 से 11. 40 तक तेज हवा के कारण भी फ्लाइट्स ऑपरेशन का रुख मुख्य रनवे 27 से दूसरे रनवे 14 पर करना पड़ा।’