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लोकल ट्रेन में लिखे गए प्रतिबंधित संगठन के नारे, जीआरपी को खबर तक नहीं

मुंबई
बीते 22 अप्रैल को गढ़चिरौली जिले में सीआरपीएफ की सी-60 कमांडोज से एनकाउंटर में 40 कथित माओवादियों के एनकाउंटर के बाद अभी एक महीना भी नहीं बीता और एक अजीब वाकया सामने आया है। सीएसटी-पनवल लोकल ट्रेन में माओवादियों के जिक्र के साथ लाल रंग से नारे लिखे मिले हैं। सेंट्रल रेलवे के जीआरपी को इस बारे में खबर तक नहीं है।

लोकल ट्रेन में गढ़चिरौली में मारे गए लोगों को शहीद लिखते हुए श्रद्धांजलि दी गई है। यहां हंसिया और हथौड़ी के निशान के साथ दो नारे लिखे गए। इन नारों में क्रांति को जिंदा रखने और गढ़चिरौली के शहीदों को लाल सलाम की बात लिखी गई है। एक मीडियाकर्मी ने फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट में इन नारों को गुरुवार रात देखा। मीडियाकर्मी ने इसकी तस्वीर लेकर जीआरपी के कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी।

जीआरपी और आरपीएफ दोनों ने ही इस बारे में जानकारी न होने की बात कही है। सीएसटी जीआरपी के सीनियर इंस्पेक्टर संजय पाटिल ने कहा कि हमें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है। राज्य खुफिया ब्यूरो के एसपी श्रेष्ठ इनामदार ने कहा कि इसके पीछे स्टूडेंट मूवमेंट से जुड़े लोगों का हाथ हो सकता है। बता दें, सीपीआई-माओइस्ट एक प्रतिबंधित संगठन है। इनामदार ने कहा कि उनके स्लीपर सेल कई जगह हैं और आम लोगों के बीच रह रहे हैं। इस संगठन के लोगों द्वारा हिंसा के कई मामले पहले भी प्रकाश में आ चुके हैं। फिलहाल जीआरपी इस वाकये को संज्ञान में लेकर जांच कर रही है।

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