मुंबई
पालघर लोकसभा उपचुनाव को लेकर शिवसेना ने चुनाव आयोग के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है। 28 मई को पालघर में लोकसभा उपचुनाव की वोटिंग हुई थी। महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में होने के बावजूद इस चुनाव में शिवसेना ने बीजेपी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमारे लोगों ने पालघर उपचुनाव में बीजेपी के लोगों को रंगे हाथ नोट बांटते पकड़ा था लेकिन चुनाव आयोग ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। अगर चुनाव आयोग ऐसा ही पूरे देश में कर रहा है तो इसका मतलब यह है कि वह एक राजनीतिक पार्टी के ‘तवायफ’ की तरह काम कर रहा है।’ मतदान के आंकड़ों से बीजेपी के लिए चिंता?
सोमवार को हुए मतदान के आंकड़े बीजेपी की चिंता बढ़ाने वाले हैं। छह विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बने पालघर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदान विक्रमगड में हुआ है। यह वही विधानसभा क्षेत्र है जिसपर शिवसेना ने सबसे ज्यादा फोकस किया था। दूसरी तरफ सबसे कम मतदान नालासोपारा में हुआ है जहां बीजेपी ने अपनी ताकत झोंक रखी थी। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक विक्रमगड में 62.64 प्रतिशत मतदान हुआ है और नालासोपारा में 34.83 प्रतिशत। शिवसेना ने जिस दूसरे इलाके पर फोकस किया था वह था पालघर विधानसभा क्षेत्र। यहां मतदान का प्रतिशत 55.75 प्रतिशत रहा है। बीजेपी ने दूसरे क्षेत्रों में सबसे ज्यादा जोर वसई विधानसभा क्षेत्र में लगाया था। पालघर में मतदान का प्रतिशत रहा 55.75 प्रतिशत और वसई में 48.40 प्रतिशत। छह में से चार विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का यह प्रतिशत, परिणामों की धुंधली ही सही, लेकिन एक संभावित तस्वीर तो दिखा ही रहा है। सियासी जानकारों के मुताबिक यहां बीजेपी के लिए राह बहुत मुश्किल है। उनका मानना है कि यहां मुकाबला शिवसेना के उम्मीदवार श्रीनिवास वनगा और बहुजन विकास आघाडी के उम्मीदवार बलिराम जाधव के बीच ही नजर आ रहा है। फिर भी ईवीएम किसका भाग्य संवारती है यह जानने के लिए 31 मई को अंतिम परिणाम आने तक इंतजार करना होगा।