मुंबई
हर रोज ट्रेन हादसों में मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ने से परेशान रेलवे बोर्ड ने अगले दो साल में इन हादसों को कम से कम 50 प्रतिशत तक घटाने के लिए कदम उठाने के आदेश दे दिए हैं। खासकर मुंबई में, जहां रेल हादसों में मारे जाने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। औसतन हर दिन कम से कम 9 लोग यहां रेल हादसों में जान गंवाते हैं, जिनमें से 6 पटरियां पार करते हुए मारे जाते हैं। भारत में हर दिन औसतन 76 लोगों की मौत रेल हादसों में होती है। बोर्ड ने सभी जोनल ऑफिसर्स को अपनी रिपोर्ट 8 जून 2020 तक देने के लिए कहा गया है। रेलवे बोर्ड ने जोनल स्तर की संयुक्त समितियों को कोई ठोस समाधान न निकाल पाने के लिए फटकार भी लगाई है। इनसे ऐसे स्टेशन्स, सेक्शन या स्थानों का चिह्नित करने के लिए कहा गया है जहां सबसे अधिक हादसे होते हैं। इनके अलावा कारण और उनके समाधान बताने के लिए कहा गया है।
वेस्टर्न रेलवे की रलवे प्रटेक्शन फोर्स के सीनियर डिविजनल सिक्यॉरिटी कमिश्नर अनूप शुक्ला ने बताया कि बोरिवली और जोगेश्वरी स्टेशन का निरीक्षण शनिवार को किया गया और इन्फ्रास्ट्रक्चर का जायजा लिया गया। जोगेश्वरी की लेवल क्रॉसिंग पर सबसे अधिक हादसे होते हैं। बोरिवली में सबसे ज्यादा हादसे लोगों के भीड़भाड़ वाली लोकल से गिरने या चलती हुई लोकल में चढ़ने की कोशिश के दौरान होते हैं।
सरकारी रेलवे पुलिस के ऑडिट के साल 2016 के मुताबिक 174 ऐसे स्थान थे जहां लोग ट्रैक पार करते समय हादसों का शिकार होते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा कुर्ला में होते हैं। ऑडिट में कहा गया था कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार कर इन हादसों का टाला जा सकता है।