मुंबई
पुणे पुलिस ने तथाकथित ‘शहरी नक्सल समर्थकों’ के खिलाफ एक बड़े अभियान में बुधवार को महाराष्ट्र और नई दिल्ली से कम से कम तीन प्रमुख दलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी दिसंबर 2017 में पुणे में एक सभा में कथित भड़काऊ भाषणों के सिलसिले में हुई है। तहत मुंबई के सुधीर धावले, नागपुर के वकील सुरेंद्र गाडलिंग और नई दिल्ली के दलित कार्यकर्ता रोना विल्सन को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा पुलिस ने नागपुर में शोमा सेन और मुंबई में महेश राउत के घरों पर छापे मारे। पिछले साल अप्रैल में पुणे पुलिस ने देश के विभिन्न हिस्सों में इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों और कार्यालयों पर छापे मारे थे और विभिन्न गतिविधियों में उनकी भागीदारी के लिए उनसे पूछताछ भी की थी।
वरिष्ठ पत्रकार सुधीर धावले 31 दिसंबर को पुणे के शनिवारवाड़ा में हुई एल्गार परिषद सभा के आयोजक थे। इस आयोजन को गुजरात के दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी, जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद, छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और भीम सेना के अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने संबोधित किया था। इसके एक दिन बाद (एक जनवरी को) कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगे भड़के थे जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी।