मुंबई
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के किले को फतह करने के लिए चक्रव्यूह की रचना शुरू हो गई है। राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने जहां गठबंधन को लेकर चर्चा शुरू कर दी है वहीं कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी जवाबी रणनीति पर काम तेज कर दिया है। कांग्रेस और एनसीपी की नजर राज्य छोटे दलों के साथ गठजोड़ पर है ताकि एनडीए को मात दी जा सके। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण राज्य में बीजेपी को हराने के लिए सेक्युलर दलों का महागठबंधन बनाने पर जोर दे रहे हैं। दोनों दल चाहते हैं कि चाहे कम जनाधार वाली समाजवादी पार्टी हो या आरपीआई सब मिलकर एक साथ चुनाव लड़ें। उधर, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि वह गैर बीजेपी मोर्चे का हिस्सा होगा।
इसके अलावा बहुजन विकास अघाडी और पेजन्ट्स वर्कस पार्टी भी इस महागठबंधन का हिस्सा हो सकती है। अशोक चव्हाण ने हमारे सहयोगी अखबार से बातचीत में कहा, ‘हमने अपने हाई कमान को यह प्रस्ताव भेजा है कि हमें समान विचारधार वाली पार्टियों के साथ गठजोड़ करना होगा। हम नहीं चाहते कि वोटों का बंटवारा हो।’
उन्होंने कहा कि वोटों का बंटवारा होने से सीधा फायदा बीजेपी को होगा। चव्हाण ने कहा कि बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए विधानसभा और संसदीय चुनाव दोनों में गठबंधन करना होगा। उन्होंने कहा, ‘यूपी के बाद महाराष्ट्र लोकसभा सीटों के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा राज्य (48) है और यदि महाराष्ट्र तथा यूपी में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसे सत्ता में आने से रोकना मुश्किल होगा।’
बता दें, यूपी में बीजेपी को हराने में विपक्षी दलों के छोटे दलों के साथ गठबंधन के सफल प्रयोग के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के नेता गठजोड़ बनाने के विचार पर मजबूर हुए हैं। एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए पार्टी नेतृत्व समान सोच वाले दलों के साथ सेक्युलर मोर्चो बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।