लाहौर: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और अमेरिका द्वारा एक करोड़ डॉलर का इनामी आतंकी जमात उद दावा का चीफ हाफिज सईद पाकिस्तान में न सिर्फ पूरी तरह आजाद और बेखौफ है बल्कि चुनाव के जरिेए सत्ता पर काबिज होने की कोशिश भी कर रहा है. पाकिस्तान में अगले माह होने वाले चुनाव में जमात उद दावा ने अपने उम्मीदवार देश भर में खड़े किए हैं. चुनाव लड़ने वालों में सईद का बेटा और दामाद भी शामिल है.
पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव के लिए जमात उद दावा ने देश भर में उम्मीदवार खड़े किए हैं. हाफिज सईद की पार्टी को मान्यता नहीं मिलने पर उसने एक छोटी पंजीकृत पार्टी का सहारा ले लिया है.
जमात के 259 उम्मीवारों में मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का बेटा और दामाद भी शामिल है. इस प्रतिबंधित संगठन की राजनीतिक शाखा ने पाकिस्तान को ‘‘इस्लाम का गढ़’’ बनाने की प्रतिज्ञा की है. इन चुनावों में सईद स्वयं मैदान में नहीं है. आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते उस पर अमेरिका ने एक करोड़ डालर का इनाम रखा है.
आतंकवादी संगठन लश्कर ऐ तैयबा से जुड़े जमात उद दावा ने साल 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था. जमात ने अपने राजनीतिक मोर्चे की शुरुआत की जिसका नाम मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) है.
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने एमएमएल का राजनीतिक दल के रूप में पंजीयन करने से मना कर दिया था. इससे पहले इसके लिए गृह मंत्रालय ने यह कहकर इसका विरोध किया था कि एमएमएल जमात उद दावा की एक शाखा है जिसका नेतृत्व सईद करता है और उस पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है.
आम चुनावों के नजदीक आने के साथ ही संगठन ने आयोग में पंजीकृत छोटी पार्टी अल्लाहू अकबर तहरीक के टिकट पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. एमएमएल ने बताया कि संगठन के सभी समर्थित उम्मीदवारों की उम्मीदवारी स्वीकार कर ली गई.
एक करोड़ डॉलर का इनामी आतंकी पाकिस्तान में सत्ता पाने की जुगत में
