क्रोएशिया के ख़िलाफ़ निज़नी नोवगोरोड में 3-0 से हार के बाद बिखरे बालों के साथ ड्रेसिंग रूम में जाते अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी की तस्वीर फ़ुटबॉल विश्व कप 2018 में उनके प्रदर्शन की हकीक़त खुद बयां करती है.
पांच बार ‘गोल्डन शू’ पुरस्कार जीतने वाले मेसी इस विश्व कप में अब तक न तो एक भी गोल करने में कामयाब हुए हैं और न ही उन्होंने कोई ऐसा पास ही दिया है जिससे टीम को गोल करने में मदद मिली हो. इतना ही नहीं आइसलैंड के ख़िलाफ़ वो पेनाल्टी पर भी गोल करने से चूक चूके हैं. हालत यह है कि अर्जेंटीना की टीम में उनके शामिल होने और 2002 विश्व कप के बाद से पहली बार टूर्नामेंट के पहले ही दौर से बाहर होने का ख़तरा मंडरा रहा है.
मेसी दो दिन बाद यानी 24 जून को 31 के होने वाले हैं, तो उम्र के लिहाज से उनके पास एक और विश्व कप खेलने का समय तो दिखता है. लेकिन फ़ुटबॉल के जानकारों के मुताबिक रूस में खेला जा रहा फ़ुटबॉल विश्व कप 2018 मेसी के पास अर्जेंटीना के लिए बड़ा खिताब जीतने का आख़िरी मौका हो सकता है. अब तक वो अर्जेंटीना को बीजिंग ओलंपिक 2008 में गोल्ड ही दिला सके हैं.
यहां तक कि बार्सिलोना (क्लब) के लिए इस सीजन में वो कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर सके हैं. घरेलू लीग जीतने के बावजूद केटेलोनियाई टीम यूएफा चैंपियंस लीग के लगातार तीसरे सीजन में क्वार्टर फ़ाइनल से ही बाहर हो गई और उनके चिर प्रतिद्वंद्वी रियाल मैड्रिड ने इस टूर्नामेंट में हावी रहते हुए खिताब को अपने नाम किया.
ऐसे कई कारण गिनाए जा सकते हैं तो बताते हैं कि मेसी इस सीजन में संघर्ष क्यों कर रहे हैं:
1) शारीरिक थकावट
2017-18 के यूरोपीय सीजन के दौरान मेसी ने 54 मैच खेले, 2014-15 के बाद पिछले पांच सालों के दौरान सबसे ज़्यादा. फ़ुटबॉल के आंकड़ों की जर्मन वेबसाइट Transfermarkt के मुताबिक इस दौरान वो 4,468 मिनट खेले और मैदान पर औसतन 82.7 मिनट रहे. इसके बावजूद उन्होंने बार्सिलोना के लिए 45 गोल किए और 18 गोल करने में मदद की.
फुटबॉल वर्ल्ड कप का जुनून
2) चोट से परेशान
अप्रैल 2018 में अर्जेंटीना के अख़बार क्लारिन ने राष्ट्रीय टीम के सूत्रों के हवाले से लिखा कि मेसी दाहिने जांघ की चोट से जूझ रहे हैं जो दौड़ने और रफ़्तार बदलने की उनकी क्षमता को प्रभावित कर रहा है.
उनकी यह समस्या तब सार्वजनिक हो गई जब वो स्पेन और इटली के ख़िलाफ़ दोस्ताना मुकाबले में बाहर बैठे. स्पेन के ख़िलाफ़ तो उन्हे बाहर बैठते हुए अपने साथियों को 6-1 से हारते हुए देखना पड़ा.
3) टीम अर्जेंटीना का प्रदर्शन अच्छा नहीं
रूस में खेले जाने वाले विश्व कप 2018 के लिए दक्षिण अमरीका में हुए क्वालिफ़िकेशन टूर्नामेंट में अर्जेंटीना का प्रदर्शन ख़राब रहा और किसी तरह अंतिम दौर में जगह बना पाने में कामयाब हुआ. इस टूर्नामेंट में मेसी ने सबसे अधिक 7 गोल किए लेकिन टीम के इस दयनीय प्रदर्शन को प्रशंसकों और मीडिया की आलोचना झेलनी पड़ी.
अर्जेंटीना 2014 के फ़ुटबॉल विश्व कप का उपवेजिता है, जहां फ़ाइनल मुकाबले के एक्स्ट्रा टाइम में उसे जर्मनी के हाथों शिकस्त मिली थी. दो बार के चैंपियन अर्जेंटीना ने पिछला विश्व कप 1986 में जीता था. 1993 में कोपा अमरीका के बाद से वो एक भी बड़ा टूर्नामेंट अपने नाम नहीं कर सके हैं. यहां तक कि 2004 और 2008 में लगातार दो ओलंपिक खिताब भी उनके इस दुख को कम नहीं कर सकता.